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लोहरदगा शहरी एवं ग्रामीण दोनों में खुले में शौच से मुक्त हुआ
गोपी, विनोद
लोहरदगा : स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत लोहरदगा जिला खुले में शौचमुक्त जिला बन गया. शनिवार को यहां दूसरे जिलों के लोग आकर देख रहे हैं कि कैसे लोहरदगा जिला को इतनी बड़ी सफलता इतने कम समय में मिल गयी.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जो आंकड़ा प्रस्तुत किया गया, उसके अनुसार बेस लाइन सर्वे में जितने घरों में शौचालय का निर्माण करना था, उन तमाम घरों में शौचालय का निर्माण करा दिया गया और एमआईएस इंट्री भी हो गयी. बेस लाइन सर्वे के अनुसार अब लोहरदगा जिला में एक भी घर ऐसे नहीं है, जिसमें शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है.
लोहरदगा जिला बिहार, ओड़िसा एवं झारखंड का पहला जिला है, जो खुले में शौचमुक्त जिला बना है. लोहरदगा शहरी एवं ग्रामीण दोनों खुले में शौचमुक्त घोषित किये गये हैं.
इसके पूर्व रामगढ़ जिला को खुले में शौचमुक्त जिला बनने की घोषणा की गयी थी लेकिन रामगढ़ में सिर्फ ग्रामीण इलाकों में ओडीएफ हुआ, लेकिन लोहरदगा में ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्र ओडीएफ कर दिया गया है. लोहरदगा जिला में बेस लाइन सर्वे सूची के अनुसार 353 गांवों में 59573 शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जो पूरा हो गया है. इसमें जिला प्रशासन, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के सभी अभियंता व अधिकारी, कर्मचारी, यूनिसेफ के प्रतिनिधि, मास्टर ट्रेनर,साक्षरता समिति, स्वच्छता प्रेरक ने अथक प्रयास किया.
हम सब की जिम्मेवारी और बढ़ गयी है : उपायुक्त : जिले के उपायुक्त विनोद कुमार ने कहा कि यह लोहरदगा जिला वासियों के लिए गर्व की बात है कि लोहरदगा जिला खुले में शौचमुक्त हो गया है. यहां शौचालय तो बन गये, लेकिन यहीं काम खत्म नहीं हुआ है. पूर्ण स्वच्छता का सिर्फ पहला पार्ट खत्म हुआ है.
अब तो हम सब की जिम्मेदारी और बढ़ गयी है, जिसे सामूहिक जिम्मेवारी के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है और वह जिम्मेवारी है कि प्रत्येक ग्रामीण व शहरी नागरिक शौचालय का ही उपयोग करें, खुले में शौच से बाज आयें. जिले को स्वच्छ रखना सभी का दायित्व है. डीसी का कहना है कि हमें लोगों का माईंड सेट बदलना है.हमारी जिम्मेवारी अब और ज्यादा बढ़ गयी है.
डीसी ने कहा कि जिले में कई लोग स्वच्छता के ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने तमाम परेशानियों एवं अभावों के बावजूद इस नेक काम को किया, चाहे वो सेन्हा प्रखंड के उगरा पंचायत की परवतिया देवी हो या फिर कुडू की दिव्यांग बिगलाही देवी. किसी ने बकरी बेचकर शौचालय का निर्माण कराया तो किसी ने दिव्यांगता के बावजूद शौचालय का निर्माण कराया. जिले में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होने तन-मन-धन लगाकर शौचालय बनवाया है और उसका उपयोग कर रहे हैं.
काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था
लोहरदगा जिला को खुले में शौचमुक्त बनाने के पूर्व काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा. जिले के उपायुक्त विनोद कुमार ने मार्निंग फॉलो-अप के माध्यम से कड़ाके की सर्दी में ग्रामीण इलाकों में जाकर लोटा लेकर खुले में शौच करने जा रहे लोगों को समझाते थे कि तमाम बीमारियों की जड़ गंदगी है और यह तभी फैलती है जब लोग खुले में शौच करते हैं. अलग अलग तरीकों से उन्हें समझाया गया.
इसी तरह रात्रि चौपाल लगाकर गांव में लोगों को शौचालय निर्माण एवं उसके उपयोग के लिए प्रेरित किया गया. लोगों में इसका व्यापक प्रभाव पड़ा. उपायुक्त विनोद कुमार ने जिले के तमाम सरकारी कर्मियों, अनुबंध में कार्यरत कर्मियों, पंचायती राज के प्रतिनिधियों से शपथ पत्र लिया कि उनके घरों में शौचालय बन गया है और वे लोग उसका उपयोग करते हैं. जिले के अधिकारियों को भी पंचायतों की जिम्मेवारी दी गयी, जहां वे लोग जाकर शौचालय निर्माण का कार्य देखते थे और शौचालय निर्माण एवं उसके उपयोग के लिए लोगों को प्रेरित करते थे.
जिले में जागरूकता अभियान चलाया गया. छोटा सिपाही, गुलाबी गैंग बनाकर लोगों को मोटिवेट किया गया. सबका प्रयास रंग लाया. पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता रेयाज आलम लगातार इसे एक अभियान का रूप देकर लगे रहे. शौचालय निर्माण के कार्य में तमाम बीडीओ, सीओ, साक्षरता कर्मियों, अधिकारियों को जिम्मेवारी देकर इसे धरातल पर उतारा गया.
भंडरा प्रखंड के कुम्हरिया में जहां हर ओर सिर्फ चट्टान ही चट्टान है उस गांव के पांच घर के लोगों के समक्ष शौचालय बनवाने की समस्या थी, लेकिन डीसी ने इसका भी निदान निकाला. उन्होंने चट्टानों के बीच कम्युनिटी शौचालय बनवा दिया जिसमें पांचो परिवार के लोग शौच करने जाते हैं. जिले में शौचालय निर्माण के कार्य को गति देने के उद्देश्य से राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया गया.
इसमें महिला राज मिस्त्री भी प्रशिक्षण प्राप्त किये और उन लोगों ने भी शौचालय का निर्माण किया. पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता रेयाज आलम ने बताया कि मुर्शिदाबाद से मिस्त्रियों की टीम बुलायी गयी. जिन्होंने पेशरार इलाके में कैंप कर शौचालय का निर्माण किया. पेशरार जैसे दुरूह इलाके में शौचालय का निर्माण हो जाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. गांव-गांव में फुटबॉल टीम, कबड्डी टीम का गठन कर लोगों को स्वच्छता से जोड़ा गया

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