हेडिंग..न काम दिया जा रहा है और न मानदेय तसवीर-21 लेट-3 बहुदेशीय भवन के बाहर बैठी महिलाएं, लेट-4 प्रकाशित निविदा लातेहार. जिला प्रशासन की महत्वकांक्षी योजना सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) के तहत ठोस व तरल अवशिष्ट प्रबंधन कार्य में लगी महिलाओं ने विरोध जताया है. बुधवार को जिला मुख्यालय के मुख्य एसएलआरएम सेंटर बहुदेशीय भवन के मुख्य द्वार पर धरना देते हुए कार्य नहीं करने देने का आरोप लगाया है. धरना पर बैठी महिलाओं ने कहा कि बहुद्देशीय भवन एसएलआरएम सेंटर में अंदर से कार्य चल रहा है. हम लोग कार्य करने गये, तो दरवाजा बंद कर दिया गया और कहा गया कि आपलोग कार्य नहीं कर सकते है. जबकि एसएलआरएम का कार्य हमलोग 18 फरवरी से कर रहे हैं. महिलाओं ने कहा कि हमलोगों को प्रतिमाह 12 हजार रुपया मानदेय पर रखा गया है लेकिन अब तक तीन माह से अधिक समय से काम कर रहे है लेकिन मानदेय के नाम पर कोई रुपया नहीं मिला है. प्रशिक्षण से लेकर शहर में निबंधन कराने के बाद कचरा उठाव का कार्य भी किया गया है. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कोई लाभ नहीं दिया गया है. हमलोगों ने इसकी जानकारी उपायुक्त को दी है लेकिन कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है. इसलिए हमलोग बहुद्देशीय भवन एसएलआरएम सेंटर के बाहर धरना दे रहे हैं. मौके पर सरिता देवी, कंचन कुमारी, शोभा कुमारी, संगीता देवी, बबीता देवी, अंजु कुमारी व सुकन्या देवी समेत कई महिलाएं उपस्थित थी. डीएमएफटी की राशि हो रही है योजना में खर्च एसएलआरएम योजना में जिले में काम कर रही विभिन्न खनन कंपनियों के अलावा डीएमएफटी की राशि खर्च कर इस योजना में लगायी जा रही है. डीएमएफटी की एक करोड़ से अधिक की राशि से निविदा के माध्यम से जिला मुख्यालय के बुनियादी विद्यालय में एसएलआरएम कार्य के लिए शेड का निर्माण, धर्मपुर स्थित प्लास मार्ट भवन का जीर्णोद्धार, बुनियादी विद्यालय के समीप जर्जर भवन का जीर्णोद्धार, खेल स्टेडियम के समीप एसएलआरएम कार्य के लिए जर्जर भवन की मरम्मत तथा किनामंड में एसएलआरएम सेंटर का जीर्णोद्धार का कार्य प्रकाशित किया गया है.
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