लातेहार. सदर प्रखंड कार्यालय सभागार में व्यवसायियों को जागरूक करने के उद्देश्य से सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) के तहत ठोस व तरल अवशिष्ट प्रबंधन के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में भारतीय हरित सेवा के परियोजना निदेशक सलाहकार सी श्रीनिवासन ने सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट की जानकारी दी. उन्होंने अवांछित ठोस और तरल पदार्थों के उपचार और पुनर्चक्रण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि जिले में सॉलिड व लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. इसके तहत अपशिष्ट प्रबंधन की वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर जिले को स्वच्छ और हरित बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा हैं. कार्यशाला में सी श्रीनिवास ने डॉक्यूमेंटरी फिल्म के जरिये इंटिग्रेटेड सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट रिसोर्स मैनेजमेंट प्रणाली की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक प्रतिष्ठानों, दुकानों को हरा एवं लाल डस्टबीन उपलब्ध कराये गये हैं. प्रतिष्ठानों से निकलनेवाले गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखें. गीले कचरे (खाने-पीने का कचरा, सब्जी के छिलके आदि) को हरे रंग के डस्टबीन में डाले. सूखे कचरे (प्लास्टिक, कागज आदि) को लाल रंग की डस्टबीन में डाले, ताकि कचरे का उचित निपटान सुनिश्चित किया जा सके. जिले को स्वच्छ व हरा-भरा बनाने के लिए पर्यावरण के दृष्टिगत हमें ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन की तकनीकी विधि को अपनाने की जरूरत है. मौके पर नगर प्रशासक राजीव रंजन जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अल्का हेंब्रम, चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुशील कुमार अग्रवाल समेत कई व्यवसायी उपस्थित थे.
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