फोटो : 14 चांद 6 : शव पहुंचने के बाद जुटे लोग. प्रतिनिधि हेरहंज. प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजारटांड़ निवासी हीरा साहू के पुत्र दुखन साहू (47 वर्ष) का शव बुधवार की दोपहर बाद गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. इस दौरान यहां पुलिस बल भी तैनात किये गये थे. परिजनों ने बताया कि दुखन साहू लातेहार स्थित जालिम गांव में अपने समधि के घर गये थे. इसी बीच रात करीब बारह बजे लातेहार पुलिस जालिम गांव पहुंची. वहां घर का दरवाजा खुलवाकर अचानक से बगैर कुछ कहे उनकी पिटाई करनी शुरू कर दी. परिजनों ने पुलिस की इस पिटाई से ही दुखन साहू की मौत का आरोप लगाया है. परिजन ने कहा कि पुलिसिया दमन के बाद पुलिस ही शव को अपनी सुरक्षा में गांव तक पहुंचा रही है. यह कहा का न्याय है. असमय मौत से परिजनों समेत गांववालों में मातम छाया है. एसपी को सौंपा ज्ञापन: जालिम खुर्द निवासी गणेश प्रसाद ने पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव को मारपीट में शामिल दोषी पुलिस कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने कहा है कि गत 11 मई को रात्रि करीब 11:30 बजे सदर थाना प्रभारी दुलड़ चौड़े पुलिस बल के साथ पहुंचकर घर का दरवाजा तोड़कर घर में घुस गयी. पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज ताेड़ दिया गया तथा मोबाइल ले लिया गया. पुलिस के द्वारा पंकज कुमार, जितेंद्र कुमार साव, रोशना सिंह, पिंटू कुमार व सुनील प्रसाद सभी जालिम खुर्द तथा दुखन प्रसाद के साथ मारपीट की गई. जिसमें दुखन साव की मृत्यु हो गयी. ज्ञापन में कहा गया है कि उक्त सभी लोगों को झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया गया है. एसपी कुमार गौरव ने आश्वस्त किया है कि दोषी पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. पुलिस की कार्रवाई जघन्य अपराध है विधायक: लातेहर विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रकाश राम ने कहा है कि पुलिस की पिटाई जघन्य अपराध है. इसकी जितनी निंदा की जाये कम है. इस घटना को हम विधानसभा में उठायेंगे तथा पीड़ित परिवार को न्याय दिलायेंगे. उन्होंने कहा है कि आधी रात को पुलिस सादे लिबास में जबरन घर का दरवाजा खुलवाकर महिला पुरुष तथा बच्चो की भी बेरहमी से पिटाई की घायल परिजन पुलिस के डर से उचित इलाज भी नहीं करा सके. अपने रिश्तेदार के घर जन्मदिन मनाने आये हेरहंज निवासी दुखन साव की मृत्यु पुलिस की पिटाई के कारण हुई है. पुलिस पर हत्या का मामला दर्ज नहीं हुआ, तो आंदोलन किया जायेगा. घटना के बाद विधायक मृत परिवार से मिलने गये थे. बेहोश जा रही थी बेटी सदर अस्पताल में पिता के मृत शरीर एवं पुलिस की पिटाई से घायल परिजनो को देख मृतक दुखन प्रसाद गुप्ता की बेटी मनीषा देवी बार-बार बेहोश हाे जा रही थी. होश में आने के बाद वह बाेलती थी कि मेरे पिता जी का क्या कसूर था कि पुलिसवालो ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया. मेरे जन्मदिन पर अगर वे नहीं आते तो आज वे जीवित होते. सदर अस्पताल में पुलिस बल तैनात सदर अस्पताल में मृतक दुखन प्रसाद साव के पोस्टमार्टम कराने के लिए लाया गया. अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे. बलपूर्वक सड़क जाम हटाने के बाद पुलिस शव को जल्द से जल्द पोस्टमार्टम करा कर परिजनो काे सौंपना चाहते थे. मृतक दुखन प्रसाद के परिजन भी भारी संख्या में सदर अस्पताल पहुंचे थे.
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