Jharkhand news: लातेहार नगर पंचायत क्षेत्र में कराये गये शहरी जलापूर्ति योजना की जांच राजस्थान के जोधपुर से आयी एक जांच टीम द्वारा की गयी. टीम के सदस्यों ने शहर के कई इलाकों में शहरी जलापूर्ति योजना की जांच की. जांच टीम को कई जगहों पर बहुत ही कम गहराई में पाइप लाइन मिली. इस पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने नाराजगी जाहिर की. जांच टीम में निदेशक उत्कर्ष मिश्रा, डीजीएम आलोक मंडल, पीएमसी राहुल कुमार शामिल थे.
पाइप लाइन में काफी अनियमितता
जांच टीम के अधिकारियों ने बताया कि शहरी जलापूर्ति के लिए बिछाये गये पाइप लाइन में काफी अनियमितता बरती गयी है. प्राक्कलन के अनुसार पाइप को नहीं बिछाया गया है. ठेकेदार द्वारा कई जगहों पर बिछाये गये पाइप लाइन स्थल पर पीसीसी भी नहीं किया गया है. जबकि, प्रावधानों के अनुसार पाइप लाइन बिछाने के बाद वहां पीसीसी किया जाना है. निरीक्षण के दौरान शहर के कई लोगों ने शहरी जलापूर्ति योजना में बरती गयी अनियमितता की शिकायत जांच टीम के अधिकारियों से किया.
विवादों में रही है यह योजना
मालूम हो कि 33 करोड़ की लागत से शहरी जलापूर्ति योजना का क्रियान्नवयन नगर पंचायत क्षेत्र में किया गया है और शुरू से ही यह योजना विवादों में रही है. यहां तक कि नगर पंचायत के वार्ड पार्षदों ने भी इस योजना में अनियमितता की शिकायत नगर पंचायत की बोर्ड की बैठक की थी और इसकी जांच की मांग की थी. इसके बाद राज्य स्तरीय एक टीम ने भी इस योजना की जांच की थी और व्यापक अनियमितता बरते जाने की बात कही थी. मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी सह नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी शेखर कुमार, नगर पंचायत उपाध्यक्ष नवीन कुमार सिन्हा, वार्ड पार्षद संतोष रंजन, सिटि मैनेजर जया भगत, कनीय अभियंता संदीप बेदिया, सहायक संतोष सिंह, तहसीलदार राजू प्रसाद आदि उपस्थित थे.
रिपोर्ट : चंद्र प्रकाश सिंह, लातेहार.