बारियातू. प्रखंड मुख्यालय स्थित एनएच-99 के किनारे वर्ष 2004-05 में जिला प्रशासन की पहल पर बनाया गया शहीद भगत सिंह पुस्तकालय पिछले 21 वर्ष से बंद है. इससे स्थानीय लोगों को पुस्तकालय का लाभ नहीं मिल पा रहा है. मजे की बात है कि पुस्तकालय के बंद रहने के बावजूद इसकी मरम्मत व रख-रखाव के लिए लगातार फंड जारी किये जाते रहे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने व विद्यार्थियों को सुविधा देने के उद्देश्य से शहीद सरदार भगत सिंह पुस्तकालय सह वाचनालय का निर्माण कराया गया था, लेकिन ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिला. स्थानीय लोगों की मानें, तो निर्माण के बाद से ही पुस्तकालय सह वाचनालय का संचालन कभी भी नियमित रूप से नहीं हुआ. वर्ष 2009 से 2020 के बीच यह भवन निजी कार्यों के लिए उपयोग किया जाता रहा. वर्ष 2021 में तत्कालीन उपायुक्त अबु इमरान ने डीएमएफटी मद से पुस्तकालय भवन का रंग-रोगन कराने के बाद इसे शुरू करवाया. वर्ष 2021 में यहां उपायुक्त के नेतृत्व में क्विज का भी आयोजन कराया गया. लेकिन, वर्ष 2022 में उपायुक्त का तबादला होते ही यह पुस्तकालय पुन: बंद हो गया. 15 हजार विद्यार्थियों को हो रहा नुकसान स्थानीय लोगों के अनुसार प्रखंड में शिक्षा की स्थिति दयनीय है. यहां एक भी निजी इंटर कॉलेज या डिग्री कॉलेज नहीं है. ऐसे में उच्च शिक्षा प्राप्त करना विद्यार्थियों के लिए कठिन है. पुस्तकालय नियमित रूप से संचालित होता, तो क्षेत्र के करीब 15 हजार विद्यार्थियों व बुद्धिजीवियों को इसका लाभ मिलता. स्थानीय विद्यार्थियों, शिक्षकों व बुद्धिजीवियों ने विधायक प्रकाश राम व उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता से पुस्तकालय को सुविधा युक्त बनाकर पुनः शुरू कराने की मांग की है.
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