प्रदीप यादव हेरहंज . प्रखंड परिसर स्थित सलैया लैम्प्स गोदाम में इस वर्ष धान की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू होते ही बंद हो गयी है. सरकार ने 15 दिसंबर से खरीद शुरू की थी, लेकिन मात्र छह दिनों में ही गोदाम भर जाने के कारण प्रक्रिया रोक दी गई. इससे स्थानीय किसानों में भारी मायूसी और नाराजगी देखी जा रही है. लैम्प्स अध्यक्ष बालदेव उरांव और सचिव निखिल कुमार राणा ने बताया कि छह दिनों में कुल 1997.5 क्विंटल धान की खरीद की गयी है. गोदाम भर जाने के कारण अब तक केवल 380 क्विंटल धान का ही उठाव हो सका है. उठाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही पुनः खरीद शुरू की जायेगी. इस वर्ष प्रखंड में पांच हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. कुल 362 किसानों ने धान बिक्री के लिए निबंधन कराया है, लेकिन अब तक केवल 61 किसानों का ही धान खरीदा गया है. शेष 301 किसान रोजाना गोदाम का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि खरीद के बाद 48 घंटे के भीतर भुगतान का वादा किया गया था, लेकिन अब 10 दिन बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ. अब तक केवल चार किसानों के खातों में कुल दो लाख 36 हजार रुपये की राशि भेजी गयी है. इससे किसानों में असंतोष और बढ़ गया है. लैम्प्स प्रबंधन ने बताया कि दो सौ से अधिक किसानों को खरीद से संबंधित मैसेज भेजा जा चुका है. पिछले वर्ष 141 किसानों से कुल 4070 क्विंटल धान खरीदा गया था और सभी किसानों को भुगतान भी कर दिया गया था. हालांकि कुछ किसानों जैसे नकुल यादव, मो. प्यारुल अंसारी और मो. फारूक अंसारी ने बताया कि उन्हें अब तक पिछले साल का बोनस नहीं मिला है. किसानों की परेशानी का मुख्य कारण गोदाम की सीमित क्षमता और भुगतान में देरी है. यदि उठाव की प्रक्रिया तेज की जाए और भुगतान समय पर हो, तो किसानों की नाराजगी कम हो सकती है.
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