बालूमाथ़ सरकार विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है. उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पानी की तरह पैसे खर्च किये जा रहे हैं. शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए पहले विद्यालयों का विलय किया गया. कई ग्रामीण मध्य विद्यालयों को अपग्रेड कर उच्च विद्यालय बना दिया गया. बावजूद इसके हालात जस के तस हैं. कागजों में विद्यालय को अपग्रेड कर दिया गया और बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध करा दी गयीं, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण स्थिति नहीं बदली. प्रखंड के बालू पंचायत अंतर्गत राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय बालू की भी यही हालत है. वर्तमान में कक्षा एक से आठ तक कुल 480 बच्चे नामांकित हैं. वहीं कक्षा नौ व दस में 225 बच्चे नामांकित हैं. वर्ग एक से आठ तक के लिए तीन प्राइमरी शिक्षक व तीन सहायक अध्यापक कार्यरत हैं, जबकि इसके लिए कुल नौ शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं. किसी प्रकार वर्ग एक से आठ तक की पढ़ाई हो रही है, लेकिन वर्ग नौ व दस के विद्यार्थियों की स्थिति बेहद खराब है. यहां इन्हें पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है़ं वर्ष 2016 में हुआ अपग्रेड, पर नहीं मिली शिक्षकों की सौगात : इस विद्यालय को वर्ष 2016 में अपग्रेड किया गया था. अपग्रेड के बाद वर्ग नौ व दस के लिए दस शिक्षकों की यूनिट स्वीकृत की गयी. लेकिन नौ वर्ष बीत जाने के बाद भी उच्च विद्यालय स्तर पर एक भी शिक्षक की बहाली या पदस्थापन नहीं हो पायी है. नौंवी और दसवीं में नामांकित 225 विद्यार्थी प्राइमरी शिक्षक और सहायक अध्यापकों के भरोसे पढ़ाई कर रहे हैं. ग्रामीण अशोक साव, विजय ठाकुर, आदित्य साहू, करमदेव उरांव, आजाद खान, जैनुल अंसारी, बिरेंद्र प्रजापति, संतु उरांव, मुकेश प्रजापति, संतोष राम, सुरेंद्र प्रसाद, निजावत अंसारी समेत अन्य ने बताया कि शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. सिलेबस के अनुसार कक्षाएं नहीं चल पाने से रिजल्ट भी प्रभावित हो रहा है. ग्रामीणों ने विधायक प्रकाश राम, उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता और शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द हाई स्कूल स्तर के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की मांग की है. क्या कहती हैं जिप उपाध्यक्ष और अधिकारी : इस मामले में जिला परिषद उपाध्यक्ष अनीता देवी ने बताया कि उन्होंने पूर्व में भी विभाग को इस समस्या से अवगत कराया था. जिला परिषद की बैठक में उच्च विद्यालय में शिक्षक और सीएचसी में महिला चिकित्सक की पदस्थापना की मांग की गयी है. उन्होंने कहा कि विभाग गंभीरता नहीं बरत रहा है. वहीं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अमरेंद्र पाठक ने बताया कि उच्च विद्यालय में शिक्षकों की कमी है और इसकी जानकारी जिला के वरीय अधिकारियों को पत्र भेजकर दी गयी है.
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