महुआडांड़. पास्का का पर्व ख्रीस्तीयों के लिए तीन दिवसीय समारोह किया जाता है. सबसे पहले खजूर रविवार के द्वारा हम पवित्र सप्ताह में प्रवेश करते हैं. उसके बाद पुण्य बृहस्पतिवार के दिन हम कृतज्ञता के साथ प्रभु यीशु के दुख भोग, मृत्यु एवं पुनरुत्थान के साथ पुराने यहूदियों के पास्का त्योहार का नये विधान से परिवर्तन की याद करते हैं. पुण्य बृहस्पतिवार को प्रखंड माता पल्ली में विशेष विनीत पूजा करायी गयी. उन्होंने कहा की ईश्वर से सबसे पहले प्रेम करो. नया व्यवस्थान में प्रभु यीशु ख्रीस्त अपने दुखभोग, मृत्यु और पुनरुत्थान के पहले अपने शिष्यों से अंतिम विदाई लेते हैं. इस दौरान बिशप थियोडोर मस्कारेन्हास, पल्ली पुरोहित फादर सुरेश किंडो सहित अन्य फादर की ओर से महुआडांड़ पल्ली से चुने हुए 12 व्यक्तियों के पैर धोये गये. पवित्र मिस्सा बलिदान में फादर पतरस, फादर एमके जोश,समीर, सहित कई पुरोहितों ने हिस्सा लिया.
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