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पेंशनर से 50-100 रुपये वसूलते हैं बैंक व पोस्ट ऑफिस के अधिकारी
पेंशनभोगियों को बैंक व पोस्ट ऑफिस नहीं देते हैं पासबुक मनिका के तीन गांवों में प्रभात खबर ने की पड़ताल सुनील कुमार लातेहार : जिले में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या बन कर विकास में बाधक साबित हो रही है. जिला प्रशासन ने आधा दर्जन प्राथमिकी दर्ज करा कर करीब तीन दर्जन सरकारी कर्मियों को भ्रष्टाचार […]
पेंशनभोगियों को बैंक व पोस्ट ऑफिस नहीं देते हैं पासबुक
मनिका के तीन गांवों में प्रभात खबर ने की पड़ताल
सुनील कुमार
लातेहार : जिले में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या बन कर विकास में बाधक साबित हो रही है. जिला प्रशासन ने आधा दर्जन प्राथमिकी दर्ज करा कर करीब तीन दर्जन सरकारी कर्मियों को भ्रष्टाचार में लिप्त पाने की पुष्टि की है. जिले के तीन बीडीओ भी भ्रष्ट बताये गये हैं. प्रभात खबर ने पिछले दिनों हुई सामाजिक अंकेक्षण की रिर्पोट आने के बाद जो पड़ताल की है, उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं.
जिले के मनिका प्रखंड में वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन व विकलांगता पेंशन पाने वालों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. इन पेंशनरों की राशि में भी सेंधमारी पोस्ट आफिस एवं बैंकों द्वारा की जा रही है. इनका पासबुक नहीं दिया जाता है. मांगने पर पेंशन बंद करने की धमकी दी जाती है.
मनिका प्रखंड के जान्हो ग्राम निवासी विधवा फूलमनी देवी ने बताया कि उन्हें पेंशन बरवैया डाकघर से दी जाती है. प्रत्येक माह में 50 रुपये डाकपाल द्वारा कम दिया जाता है.
डाकपाल दिनेश साव का कहना है कि आरोप बेबुनियाद है, लेकिन जब सोशल ऑडिट किया गया तो आरोप सत्य पाया गया. विकलांगता पेंशन के लाभुक बुधु उरांव का कहना है कि उन्हें वनांचल ग्रामीण बैंक द्वारा पेंशन का भुगतान किया जाता है, लेकिन 04.12.2015 के बाद से उन्हें पेशन नहीं मिल रही है और बैंक अधिकारी द्वारा उसका यूआइडी डिलीट कर दिया गया है. वृद्धा पेंशन भोगी जगन भुईयां का कहना है कि जब भी वह पेंशन के लिए वनांचल ग्रामीण बैंक मनिका जाता है तो फार्म भरने के नाम पर तजमुजल अंसारी दस रुपये लेता है. जब मैनेजर से शिकायत की तो उसका पेंशन बंद कर दिया गया. डर से अन्य पेंशनरों ने विरोध करना ही छोड़ दिया. इसी बैंक से जुड़ी पेंशनर सोमरिया कुंवर भी उक्त आरोप लगाती है.
मनिका प्रखंड के ग्राम पटना के विकलांगता पेंशनर राजो देवी, करमी देवी, बोलो उरांव, रमेश सिंह, नंद कुमारी देवी, टेपली कुंवर आदि का कहना है कि उन्हें महीने में भुगतान नहीं किया जाता है तथा कुछ कम राशि का भुगतान किया जाता है.
मनिका प्रखंड के ग्राम मंधनिया निवासी हसंराज उरांव की दोनों आंखें खराब है. उनका वनाचंल ग्रामीण बैंक से पेंशन का भुगतान होता है. लेकिन एक वर्ष से पेंशन बंद है. बैंक मैनेजर, बीडीओ, कर्मचारी, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य सभी को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उसका पेंशन चालू नहीं हो रहा है. सुगनी मसोमात भी ऐसा ही आरोप लगाती है.
उपरोक्त गांवों में पेंशन की समस्या पुरानी होती जा रही है. इसका निराकरण नहीं हो पा रहा है.
पोस्ट आफिस भुगतान में 50 से 100 रुपये तक वसूलते हैं. पेंशनरों को पासबुक भी नहीं दिया जाता है. इन पेंशनरों की दुर्दशा से प्रशासनिक पदाधिकारी एवं जन प्रतिनिधि बेखबर हैं. उपायुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता का कहना है कि योगदान करने के तुरंत बाद से ही वे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त हैं. बीडीओ समेत 30-35 सरकारी कर्मियां एवं बिचौलिये के खिलाफ कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की है फिर भी भ्रष्टाचार रुक नहीं रहा है.
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