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50 लाख का भवन, उपयोगिता शून्य
कॉलेज शुरू नहीं होने से अनुपयोगी साबित हो रहे हैं भवन चंदवा : प्रखंड में ऐसे कई निर्माण हुए हैं, जो सरकारी राशि के अनुपयोगी होने की कहानी बयां करते हैं. इसका एक उदाहरण है कामता गांव स्थित परसही गांव में बनाये गये जगतमोहन जगधात्रीनाथ महाविद्यालय के तीन भवन. इसके निर्माण के वक्त ही सवाल […]
कॉलेज शुरू नहीं होने से अनुपयोगी साबित हो रहे हैं भवन
चंदवा : प्रखंड में ऐसे कई निर्माण हुए हैं, जो सरकारी राशि के अनुपयोगी होने की कहानी बयां करते हैं. इसका एक उदाहरण है कामता गांव स्थित परसही गांव में बनाये गये जगतमोहन जगधात्रीनाथ महाविद्यालय के तीन भवन. इसके निर्माण के वक्त ही सवाल खड़े किये गये थे कि जब कॉलेज ही नहीं है, तो भवन बनाने का क्या औचित्य. सर्वप्रथम 15 लाख रुपये की लागत से तत्कालीन विधायक बैद्यनाथ राम के कोटे से थ्री एसीआर भवन बनाया गया.
इसके पश्चात दूसरा भवन 15 लाख रुपये व पीसीसी पथ पांच लाख रुपये से तत्कालीन चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी के कोटे से बनाया गया. तीसरा भवन जिला परिषद लातेहार द्वारा 15 लाख रुपये की लागत से बनवाया गया. तकरीबन 50 लाख रुपये खर्च कर दिये गये, लेकिन उपयोगिता शून्य है.
बच्चे पढ़ाई के लिए बाहर जाते हैं : प्रखंड में कोई कॉलेज नहीं होने से बच्चे स्नातक की पढ़ाई के लिए बाहर जाते हैं. जगतमोहन-जगधात्रीनाथ डिग्री कॉलेज को नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय मेदिनीनगर से संबद्धता मिलने की बात कही जाती है, लेकिन सच किसी को पता नहीं.
हर वर्ष महाविद्यालय शुरू करने की बात सुनते-सुनते लोग थक चुके हैं. तीन थ्री एसीआर भवन व पथ बन कर तैयार है. लेकिन अब भी कई बुनियादी सुविधाअों का अभाव है. यथा पहुंच पथ, चहारदीवारी, प्रवेश द्वार, प्राध्यापकों की नियुक्ति, शौचालय व भूमि समतली करण का कार्य शेष है. स्थानीय विद्यार्थी कॉलेज शुरू होने की बाट जोह रहे हैं.
दान में मिली है भूमि : ज्ञात हो कि परसही (कामता) के लाल जगधात्री नाथ शाहदेव (अब स्वर्गीय) व उनकी धर्मपत्नी रानी दुर्गावती ने 12.5 एकड़ जमीन राज्यपाल बिहार के नाम से दान दी थी. इसी भूमि पर महाविद्यालय का भवन बनाया गया है.
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