बरवाडीह : प्रखंड मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों में बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं. कुआं व चापानल का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. लोगों को पानी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है.
मॉनसून प्रवेश करने के एक माह बाद भी पर्याप्त बारिश नहीं होने से सूखे की आशंका तेज हो गयी है. एक माह के दौरान दो चार दिन बमुश्किल छिटपुट बारिश प्रखंड में हुई है. सावन माह आने में अब मात्र कुछ ही दिन शेष रह हैं. ऐसे में सभी ओर सूखा ही सूखा दिखाई दे रहा है.
नाममात्र छिटपुट बारिश होने से गरमी का प्रकोप लोगों को ङोलना पड़ रहा है. बारिश नहीं होने से जलस्तर काफी नीचे चला जा रहा है. प्रखंड के अधिकतर गांवों में पानी की समस्या बरकरार है. पानी की समस्या के कारण पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कर्मचारी बरसात में भी खराब पड़े चापानल बना रहे हैं.
जबकि जुलाई माह में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को पूरे क्षेत्र में चापानल खराब रहने की शिकायत दूर हो जाती थी.
खेती कार्य पर असर
जून माह में हुई बारिश के बाद किसानों ने ट्रैक्टर से अपने खेतों की जुताई कर खेती कार्य के लिए तैयार किया. उसके बाद बारिश नहीं होने से जुताई किये हुए खेतों में कुछ भी नहीं बुनाई नहीं की जा सकी. कुछ किसानों ने छिटपुट बारिश के बाद मकई की बुनाई कर दी थी.
खेतों मे लगायी गयी मकई सूख गयी है. बारिश के अभाव में धान का बीहन नहीं हो सका है. किसान इस वर्ष भी सूखे की आशंका से परेशान है.
खाद, बीज की बिक्री पर असर
बारिश नहीं होने से लैंपस, सरकारी बीज व खाद दुकान समेत अन्य खाद, बीज की दुकानों में बिक्री प्रभावित हुई है. किसानों ने बारिश नहीं होने की आशंका में खाद, बीज खरीदना बंद कर दिया है. बारिश की आस में वे आकाश को निहार रहे हैं.