टैगोर ने भारतीय संस्कृति को ऊंचाइयों पर पहुंचाया:डॉ ओमिया झुमरीतिलैया. रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती पर झारखंड बंगाली समिति, कोडरमा शाखा के तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रवींद्र भवन में किया गया़ गीत-संगीत, नृत्य और काव्य की रसधारा से गुंजायमान यह संध्या गुरुदेव की अमर रचनाओं को समर्पित रही, जिसमें उनकी बहुमुखी प्रतिभा का स्मरण श्रद्धा और सम्मान के साथ किया गया़ कार्यक्रम की शुरुआत गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा पर शाखा अध्यक्ष डॉ ओमियो कुमार विश्वास एवं सचिव उत्तम चटर्जी ने माल्यार्पण कर की. इसके बाद हे नूतोन देखा दिक आर बार….. जन्मेरो प्रथमो शुभोखने..जैसे स्वागत गीत गाये गये. डॉ ओमिया विश्वास ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर केवल कवि ही नहीं, बल्कि एक लेखक, नाटककार, संगीतकार, दार्शनिक, चित्रकार और समाज सुधारक भी थे. उन्होंने भारतीय संस्कृति, कला और साहित्य को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया़ उन्होंने दो देशों के राष्ट्रगान की रचना कर विश्वपटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी़ सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुनील देवनाथ, ताप्ति चक्रवर्ती, प्रिया बंदोपाध्याय, इंद्राणी मुखर्जी, मिली मित्रा, सुजीत विश्वास, पिऊ विश्वास, अभिनंदन राय और अंतरा मुखर्जी ने गुरुदेव की कविताओं और गीतों को सुरों में पिरोकर भावविभोर कर दिया़ अद्रिजा विश्वास, अहाना बंदोपाध्याय और अंतरा घोष ने नृत्य प्रस्तुत किया. गिटार पर रवींद्र संगीत की मधुर धुन डॉ लूना मित्रा ने प्रस्तुत की. वाद्ययंत्र काहेन पर संगत अभिनंदन राय ने दी़ कार्यक्रम का संचालन संदीप मुखर्जी ने किया तथा डॉ अभिजीत राय ने अतिथियों और कलाकारों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया़ इस अवसर पर निमाईचंद्र दास, उर्मिला दास, चंद्रानी सरकार, सुधन्य घोष, दाशरथी बनर्जी, गाबु विश्वास, बाणी चटर्जी, सोमा चटर्जी, आलोक सरकार, विभूतिभूषण चक्रवर्ती, सपन डे, अरुप मित्रा, मुनमुन राय, और सुजाता बनर्जी सहित बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित थे़
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