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धान की खेती से किसान गदगद, लेकिन आलू की फसल की चिंता

धान की लहलहाती फसल से क्षेत्र के किसान जहां गदगद हैं, वहीं अब उन्हें आलू की फसल की चिंता सताने लगी है.

जयनगर. धान की लहलहाती फसल से क्षेत्र के किसान जहां गदगद हैं, वहीं अब उन्हें आलू की फसल की चिंता सताने लगी है. किसानों के अनुसार अब तक आलू की रोपाई हो जानी थी, लेकिन लगातार बारिश के कारण खेत की जुताई नहीं हो पायी. किसान खेतों का गीलापन सूखने का इंतजार कर रहे हैं. खेत सूखने में लगभग 10-15 दिन लग सकता है. देरी होने से लक्ष्य के अनुरूप रोपा नहीं हो पायेगा. यदि बीच में बारिश हुई, तो लगाये गये आलू का ग्रोथ नहीं बनेगा. उत्पादन में कमी आ जायेगी. फोरलेन चौक स्थित बीज विक्रेता कावेरी चारा केंद्र के संचालक लक्ष्मण यादव ने बताया कि आलू का बीज खरीदने ग्राहक भी कम आ रहे हैं. आलू की कीमत अभी ठीक है. आलू में खनिज लवण, विटामिन व अमिनो अम्ल की मात्रा पायी जाती है, जो सेहत के लिए आवश्यक है. इसकी खेती के लिए शीतल जलवायु व कंद बनने के समय 18-20 डिग्री तापमान होना चाहिये. केटीपीएस ऐश पाउंड के निर्माण मेंं हमलोगों की खेती योग्य अधिकांश जमीन चली गयी. शेष बची जमीन पर जैसे-तैसे खेती कर अपने खाने भर आलू उपजाते थे, लेकिन इस वर्ष आलू रोप हीं नहीं पा रहे हैं. मौसम यही रहा तो लगता है खरीदकर आलू खाना पड़ेगा. मेहीउद्वीन, बिसोडीह ———————————————— अभी तक आलू लगना शुरू हो जाना चाहिए बारिश के कारण खेत गीला है, रोपाई तो दूर अब तक खेतों की जुताई तक नहीं हो पायी है. पहले हमलोग सालों भर अपना उपजाया आलू खाते थे, मगर इस बार लगता है कि धान तो होगा मगर आलू खरीदकर खाना पडेगा. ——-शिवकुमार यादव, खेडोबर——— —————————————————- सब्जियों की फसल पहले ही बारिश से समाप्त हो चुकी है, किसी भी बाडी में सब्जी नजर नहीं आ रहा है, और आलू लगाने में नहीं बन रहा है, इससे आलू की आवक घटेगी और मूल्य बढेगा. गरीब किसानों के लिए आलू खरीदना मुश्किल हो जाएगा, पहले घर के आलू से काम चल जाता था, मगर अब परेशानी बढेगी. ————-बुलाकी यादव, चरकी पहरी——– ———————————————————- आलू रसोई की खास सब्जी है, मगर इस वर्ष मौसम में गडबडी के कारण इसकी रोपनी भी शुरू नहीं हुई है, जो बाद में परेशानी का कारण बनेगा. पहले आलू खरीदना नहीं पडता था, अब वह भी खरीदकर खाना पडेगा, बाजार में समोसा सहित आलू से बनने वाले अन्य खाद पदार्थ भी महंगे हो सकते हैं. ———-मनोज यादव, डुमरडीहा———– —————————————————– कैसे करें उन्न्नत आलू की खेती उन्नत आलू की खेती के संबंध में जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर कोडरमा को एग्रो फोरेस्टी ऑफिसर रूपेश रंजन ने बताया कि आलू की खेती के लिए खेत की जुताई अच्छी तरह से होना चाहिए, एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा 2-3 जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करके मिट्टी को भूरा भूरा करना चाहिए, प्रत्येक जुताई के बाद पाटा लगाना चाहिए. उन्होंने बताया कि अंतिम जुताई के समय क्यूनाॅल पॉस 1.5 प्रतिशत चुरण डालना चाहिए. खेत की तैयारी के समय 25-35 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की सडी खाद व 120-150 किलोग्राम नत्रजन बुआई के समय डालना चाहिए. वहीं 20-100 किलो फास्फोरस तथा 80-100 किलो पोटाश भी डाले. उन्होंने बताया कि इसकी उन्नत किस्मों में कुफरीजसोम, कुफरी पोखराज, कुफरी सूर्या, कुफरी लालिमा, कुफरी पुस्कर, कुफरी कंचन आदि शामिल है. उन्होंने बताया कि एक हेक्टेयर में बुआई के लिए 25-30 क्विंटल आलू के कंद की जरूरत होती है.

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