झुमरीतिलैया. जिला प्रशासन ने अड्डी बंगला सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद पर फैसला सुनाया है. उपायुक्त कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार अब इस समिति का संचालन नगर पर्षद के प्रशासक/कार्यपालक पदाधिकारी की देखरेख में होगा. जांच दल की रिपोर्ट के अनुसार जिस भूमि पर दुर्गा पूजा समिति का संचालन हो रहा है, वह पूरी तरह से सरकारी भूमि है. बिना प्रशासनिक अनुमति के इस भूमि पर कई वर्षों से विभिन्न समितियां व्यवसायिक गतिविधियां चला रही थीं, जिससे सरकारी राजस्व की हानि हो रही थी. आदेश के अनुसार नगर पर्षद के प्रशासक की उपस्थिति में स्थानीय स्तर पर सर्वसम्मति से एक नयी समिति गठित की जायेगी. मंडप की पूरी अभिरक्षा की जिम्मेदारी नगर पर्षद को सौंपी गयी है. अब से दुर्गा पूजा महोत्सव आयोजित करने के लिए समिति को नगर पर्षद से सशर्त अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा. इसके बिना किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं किया जा सकेगा. भूमि पर बने धर्मशाला सहित सभी संरचनाएं प्रशासन के अधीन शेष भूमि और उस पर निर्मित धर्मशाला व अन्य संरचनाओं की देखरेख एवं प्रबंधन भी नगर पर्षद के अधीन रहेगा. उससे होने वाली आय और व्यय का विधिवत संधारण नगर पर्षद करेगा तथा अनुमंडल पदाधिकारी समय-समय पर इसकी समीक्षा करेंगे. उल्लेखनीय है कि यह मामला झारखंड उच्च न्यायालय में सार्वजनिक दुर्गा समिति अड्डी बंगला ट्रस्ट बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य के रूप में विचाराधीन है. आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित कोई भी प्रभावी आदेश सर्वोपरि होगा, यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. मंडप परिसर सहित अन्य सभी प्रमुख स्थलों पर इसकी सूचना पट्ट भी लगाये जायेंगे, ताकि जनता को स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो सके.
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