झुमरीतिलैया. जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर देवाधिदेव 1008 श्री आदिनाथ भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव रविवार को जैन मंदिर में मनाया गया. पूजा में महिलाएं लाल और पुरुष पीले केसरिया परिधान में शामिल हुए. जैन समाज के स्टेशन रोड और पानी टंकी रोड दोनों मंदिरों में आदिनाथ भगवान का जन्म तप कल्याण के अवसर विश्व शांति भक्तामर स्तोत्र के 48 श्लोक पर 48 परिवारों द्वारा इंद्र बनकर 48 अर्ध ओर श्रीफल प्रभु चरणों में समर्पित किया गया. 48 दीप समर्पित किया गया. प्रातः देवाधिदेव 1008 आदिनाथ भगवान की प्रतिमा पर प्रथम अभिषेक अनिक रौनक जैन कासलीवाल के परिवार ने किया. भगवान की पांडुक शिला पर अष्टधातु से निर्मित आदिनाथ भगवान की अतिशय युक्त प्रतिमा का भी प्रथम अभिषेक और शांति धारा कैलाश चंद, अनिल रौनक कासलीवाल परिवार द्वारा किया गया. भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर अभिषेक शांति धारा का सौभाग्य विजय सेठी परिवार को मिला. तत्पश्चात समाज के सभी लोगों ने विश्व कल्याण मंत्र के साथ भक्तामर विधान में भाग लिया. सौभाग्यवती महिलाओं ने मंगल कलश स्थापना की. अखंड दीपक सुरेंद्र सरिता जैन काला परिवार ने प्रज्वलित किया. संगीतमय पूजन सुबोध, आशा जैन गंगवाल के मुखारविंद से हुआ. पूजा में कोषाध्यक्ष सुरेंद्र जैन काला, पूर्व मंत्री ललित शेट्टी, सुनील जैन सेठी, विजय, नीलम जैन सेठी, महिला संगठन की अध्यक्ष नीलम जैन सेठी, मंत्राणी आशा जैन गंगवाल, आशिका जैन कासलीवाल, संजय कासलीवाल आदि शामिल हुए. जैन धर्म में आदिनाथ भगवान प्रथम तीर्थंकर हैं, जिनका जन्म अयोध्या नगरी में चौथी शताब्दी में हुआ था. उनके पुत्र भरत के नाम पर ही इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा. संध्या में आरती व भजन के साथ भगवान का पालना झुलाने का सौभाग्य ललित नीलम जैन सेठी परिवार को प्राप्त हुआ. अभिषेक शास्त्री ने श्री आदिनाथ भगवान की जीवनी पर प्रकाश डाला. इस दौरान प्रश्न मंच कर सभी को पुरस्कृत किया गया. समाज के मंत्री नरेंद्र झाझंरी, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र काला, राज छाबड़ा, निवर्तमान पार्षद पिंकी जैन, मीडिया प्रभारी नवीन जैन, राज कुमार जैन अजमेरा ने भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याणक पर बधाई व शुभकामनाएं दी है.
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