कोडरमा. सीटू समेत 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मजदूर विरोधी लेबर कोड के खिलाफ व न्यूनतम 26 हजार वेतन, पेंशन व ग्रेच्यूटी समेत 17 सूत्री मांगों को लेकर आगामी 09 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल की सफलता को लेकर राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका यूनियन (सीटू) की बैठक कोडरमा ध्वजाधारी परिसर में जिलाध्यक्ष शोभा प्रसाद की अध्यक्षता में हुई. बैठक में केंद्र सरकार की ओर से आंगनबाड़ी में डिजिटलाइजेशन के नाम एफआरएस नियम थोपने और सेविकाओं का शोषण किये जाने के खिलाफ 17 जून को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के आवास पर प्रदर्शन करने, 15 दिनों के अंदर बकाया पोषाहार राशि भुगतान नहीं होने पर 26 जून से पोषाहार बंद करने, 09 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में आंगनबाड़ी में पूर्ण हड़ताल और जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने, अगस्त माह में आंगनबाड़ी यूनियन का राज्य सम्मेलन झुमरी तिलैया में कराने का निर्णय लिया गया. बैठक में सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि एफआरएस के तहत डिजिटलाइजेशन के नाम पर सेविका सहायिकाओं का उत्पीड़न हो रहा है. उन्हें नौकरी से हटाने, मानदेय रोकने की धमकी दी जा रही है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का घोर उल्लंघन है. आंगनबाड़ी में एफआरएस नियम सेविकाओं के लिए मौत का फरमान है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार की मजदूर विरोधी चेहरा को उजागर करता है. निजीकरण के नाम पर लाखों नौकरी पैदा करनेवाली देश की सरकारी संस्थाओं को बेचा जा रहा है. मजदूरों को गुलाम बनाने के उद्देश्य से चार लेबर कोड के माध्यम से काम के निर्धारित घंटे, ट्रेड यूनियन अधिकार, हड़ताल का अधिकार, यूनियनों की मान्यता, न्यूनतम वेतन, पीएफ, पेंशन, बोनस जैसे अधिकार छीनने की साजिश है. मोदी सरकार की इस विनाशकारी हमलों के सामने मजदूर वर्ग चुप नहीं रह सकता. आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी ने कहा कि केंद्र सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण सात महीने से पोषाहार का पैसा बकाया है. तीन माह से मानदेय नहीं मिला है. ऐसे में आंगनबाड़ी चलाना मुश्किल है. बैठक को जिलाध्यक्ष शोभा प्रसाद, सतगावां प्रखंड अध्यक्ष सुरेंद्र पांडेय, जिला उपाध्यक्ष चिंतामणि, संयुक्त सचिव उर्मिला देवी व बाबूलाल राजवंशी ने भी संबोधित किया. मौके पर गीता देवी, गुंजा कुमारी, सुनीता देवी, रेणु देवी, देवंती देवी, मीना, बबीता, वीणा, गीता, संगीता, सविता, ललिता, मुन्नी, पूनम, अर्चना, वीणा, ललिता, कंचन, रंजू, मंजू, आशा आदि सेविका सहायिका मौजूद थे.
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