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लीड- तीन और नवनियुक्त शक्षिकों की नियुक्ति रद्द

लीड- तीन और नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति रद्द संदर्भ : शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी का मामलाशिक्षक नियुक्ति स्थापना समिति की बैठक, एक अभ्यर्थी ने अभी तक नहीं दिया योगदानदो और अभ्यर्थियों का प्रमाणपत्र जांच में निकला फरजीकोडरमा बाजार. जिले में कुछ माह पूर्व नियुक्त किये गये नये शिक्षकों में से तीन और शिक्षकों की नियुक्ति […]

लीड- तीन और नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति रद्द संदर्भ : शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी का मामलाशिक्षक नियुक्ति स्थापना समिति की बैठक, एक अभ्यर्थी ने अभी तक नहीं दिया योगदानदो और अभ्यर्थियों का प्रमाणपत्र जांच में निकला फरजीकोडरमा बाजार. जिले में कुछ माह पूर्व नियुक्त किये गये नये शिक्षकों में से तीन और शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गयी है. इस संबंध में गुरुवार को डीसी संजीव कुमार बेसरा की अध्यक्षता में शिक्षक नियुक्ति स्थापना समिति की बैठक हुई. बैठक में तीन अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द की गयी. इसमें एक अभ्यर्थी ने अभी तक जिला में योगदान नहीं दिया है, जबकि दो अभ्यर्थियों का प्रमाणपत्र जांच में फरजी पाया गया है. इसके बाद बैठक में इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द किये जाने का निर्णय लिया गया. ज्ञात हो की जिले में हुए शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता का खुलासा प्रभात खबर ने किया था. इसके बाद डीसी के निर्देश पर गठित जांच दल ने डीडीसी सूर्य प्रकाश के नेतृत्व में मामले की जांच की थी. इसमें 27 अभ्यर्थियों की नियुक्ति जांच टीम ने संदिग्ध मानते हुए डीसी को जांच रिपोर्ट सौंपा था. मामला प्रकाश में आने के बाद नौ की नियुक्ति पूर्व में ही रद्द की गयी थी. इस मामले में तत्कालीन डीएसइ पीवी शाही, सहायक अजीत कुमार और धर्मेंद्र कुमार पर आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा डीसी संजीव कुमार बेसरा ने सरकार से की थी. इसके अलावा जांच रिपोर्ट में आये कुछ मामलों को लेकर कई बिंदुओं पर सरकार से भी मंतव्य की मांग की गयी थी. बैठक की बाबत मिली जानकारी के मुताबिक सात अभ्यर्थियों का आवासीय प्रमाण पत्र संदिग्ध पाये जाने पर पूर्व में सरकार से मांगे गये मंतव्य पर अभी तक कोई जवाब नहीं आने पर दोबारा सरकार से मंतव्य मांगने का निर्णय लिया गया. इधर, तीन मामलों में डीसी ने डीएसइ से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी है. यहां यह भी ज्ञात हो की शिक्षक बहाली में तीन ऐसे पारा शिक्षक की नियुक्ति हो गयी थी, जो अपने सेवा काल के दौरान ही उच्च शिक्षा हासिल किये थे. ऐसे तीनों मामले में डीसी ने डीएसइ से पूछा है कि तीनों पारा शिक्षक उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए विभाग से अनुमति और अवकाश लिये थे या बिना अनुमति के ही उच्च शिक्षा हासिल कर लिये. साथ ही उच्च शिक्षा हासिल करने की अवधि में विभाग से मानदेय लिये थे या नहीं. इन सबकी जानकारी डीएसइ से मांगी गयी है. जवाब आने पर उक्त मामले में अगली बैठक में निर्णय लिया जायेगा. इसके अलावा उन 27 संदिग्ध में से पांच अभ्यर्थियों को योग्य माना गया. मौके पर डीडीसी सूर्य प्रकाश, डीएसइ परबला खेस, डीइओ पीपी झा मौजूद थे.प्रभात खबर ने किया था खुलासा, डीएसइ हुए हैं सस्पेंडसूचना के अधिकार के तहत विजय पांडेय को मिली जानकारी के बाद प्रभात खबर ने शिक्षक नियुक्ति में हुई गड़बड़ी का खुलासा छह मार्च 2016 को किया था. अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाने के साथ ही आरक्षण का लाभ देने में मापदंडों का पालन नहीं करने का मामला सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री ने जांच समिति बनाने का निर्देश दिया था. जांच समिति में डीडीसी के अलावा डीइओ, स्थापना उप समहर्ता, डीएसडब्लूओ को रखा गया था. जांच टीम की रिपोर्ट सात मई को उपायुक्त को सौंपी गयी थी. इसमें कई स्तर पर गड़बड़ी बरते जाने की पुष्टि हुई थी. इससे पहले जब प्रभात खबर ने छह मार्च को गड़बड़ी का खुलासा किया, तो तत्कालीन डीएसइ पीवी शाही ने अगले ही दिन अखबार को पत्र लिख दो शिक्षकों की नियुक्ति को गलत बताते हुए इसे मानवीय भूल की संज्ञा दी थी. बाद में इस मामले में डीसी ने डीएसइ के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की. मामला काफी दिनों तक लटका रहा. बाद में डीएसइ का तबादला हो गया. हालांकि कुछ दिन पूर्व तत्कलीन डीएसइ पीवी शाही को राज्य सरकार ने सस्पेंड करने का आदेश निर्गत कर दिया है.

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