1….शतरंज का माहिर खिलाड़ी शातिर अपराधी बना 3कोडपी1,2गबन के आरोपी राजेश पिलानिया की तस्वीरें.3कोडपी3आरोपी राजेश पिलानिया की तस्वीर, जो बैंकॉक की बतायी जा रही है. इसे फेसबुक पेज पर अपलोड किया गया है.3कोडपी4गबन का मुख्य आरोपी विकास कुमार (बायें) व दायें उसका सहयोगी राजेश पिलानिया. फोटो3 विकासबैंक की एटीएम में पैसा डालने के काम में गड़बड़ी का मामला.मुख्य आरोपी विकास व राजेश पिलानिया की कहानी.महंगी गाड़ियों में घूमने व शान-शौकत से रहने का था शौक.———–विकास, कोडरमा. कई दिनों के बाद एक बार फिर जिले का झुमरीतिलैया शहर चर्चा में है. सबसे अहम मानी जाती एटीएम प्रणाली की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगा कर लाखों रुपये के गबन के मामले में यहां के दो युवाओं का नाम आने से हर कोई हैरत में है. कल तक जो लड़के कुछ पैसे के लिए नौकरी करते थे, कुछ ही दिनों में उनका रहन- सहन बदल गया था. महंगी गाड़ियों में घूमना, शान शौकत की जिंदगी व्यतीत करना, फ्लैट में रहना व हवाई यात्रा करना भी इनके शगल में था. अब जब बैंक अॉफ इंडिया के एटीएम में पैसा डालने के दौरान बड़े स्तर की गड़बड़ी मामले में इन दोनों का नाम आया है, तो पुलिस भी इनकी तलाश कर रही है, लेकिन दोनों फरार हैं. इस बीच इनके बैंकॉक चले जाने की खबर भी आयी, तो इससे संबंधित तस्वीर फेसबुक पेज पर अपलोड भी किया गया है. बताया जाता है कि राजेश पिलानिया ने जो तसवीर अपलोड की है वह बैंकॉक की है.कौन हैं विकास और राजेश पिलानियातिलैया थाना क्षेत्र के विकास कुमार (पिता स्व रामनारायण प्रसाद) माहुरी धर्मशाला के पीछे का रहने वाला है, जबकि राजेश पिलानिया (पिता शिव कुमार पिलानिया) सीएच स्कूल रोड, रामेश्वर मोदी मंदिर के समीप का रहने वाला है. राजेश पिलानिया की पहचान लंबे कद की वजह से शहर के लोग परिचित हैं, तो वहीं विकास की पहचान भी शहर के हर इलाके में एक होनहार युवक की रही है.शतरंज का चैंपियन रहा है विकासविकास छात्र जीवन से ही शतरंज के माहिर खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है. जेजे कॉलेज झुमरीतिलैया से उसने इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में अपनी खेल दर्शिता का लोहा मनवाया था. वहीं विश्वविद्यालय स्तर की प्रतियोगिता में वह चैंपियन रह चुका है. उसने दसवीं की पढ़ाई सीएच स्कूल से की है. यही नहीं, शतरंज के खेल में शानदार प्रदर्शन के लिए उसे सहारा प्रमुख सुब्रतो राय के हाथों ट्राफी मिली है.कंप्यूटर संस्थान संचालक भी रहाझुमरीतिलैया के झंडा चौक के समीप वर्ष 2007 के करीब विकास कंप्यूटर सेल एंड सर्विस और कंप्यूटर सिखाने के संस्थान में बतौर संचालक काम कर चुका है. इसी दौरान उसका संपर्क कंप्यूटर के जानकारों से हुआ. वह अपने दोस्तों में जीनियस के रूप में शुरू से जाना जाता रहा है. संस्थान में नुकसान होने की वजह से उसने इस संस्थान से अपना अलग व्यवसाय खोलने का प्लान बनाया. फिर उसने एटू जेड नामक कपड़े की शोरूम खोली और कुछ दिन बाद बंद भी कर दिया. शेयर ब्रोकर के काम में भारी नुकसानविकास ने झंडा चौक के समीप श्री राम एंड संस सोल्यूसन नाम का शेयर ब्रोकर का काम भी शुरू किया था. बताया जाता है कि शेयर ब्रोकर के काम मे उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उसने उसी जगह पर कैरियर लांचिंग संस्थान चलाने लग गया, जहां वह इंटर,स्नातक और बीएड जैसे पाठ्यक्रम का कोर्स कराता था, लेकिन ये धंधा भी वो ज्यादा दिनों तक नहीं चला पाया. हालांकि विकास कुमार शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने का ख्वाव हमेशा देखता रहता था. लोग यह भी बताते हैं कि शेयर बाजार के काम में कई लोगों का लाखों रुपये फंसाने का भी काम उसने किया. तीन साल पहले 5000 रुपये कमाता था राजेशझुमरीतिलैया की डॉक्टर गली में जैन मंदिर के समीप शेयर मार्केट ब्रोकर के काम में प्रतिमाह महज 5000 रुपये कमाता था राजेश पिलानिया. स्वभाव से हंसमुख और दोस्तों के बीच में मांटी नाम से जाना जाता था. वहीं उसकी 6.5 फीट से भी ज्यादा लंबी कद की वजह से लंबू नाम से प्रचलित था. शेयर मार्केट का काम छोड़ राजेश ने विकास की तरह एक बीमा बैकिंग कंपनी में काम किया. यहीं से वह विकास के संपर्क में आया और विकास के साथ मिल कर काम करने लगा. राजेश पिलानिया कुछ ही दिनों में शहर के साधारण लड़कों से अलग हो गया और खुद की खरीदी कार, ब्रांडेड सामान, फ्लैट का मालिक बन बैठा. यही नहीं, वह महंगी शराब खरीद कर अपने दोस्तों के पार्टी दिया करता था.पासपोर्ट वेरीफिकेशन में जुटी पुलिसइधर, बैंक एटीएम की राशि गबन करने के मामले में आरोपी विकास व राजेश के बैंकाक फरार हो जाने की सूचना प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद पुलिस भी एक्टिव हो गयी है. गुरुवार को पुलिस के अधिकारी इन दोनों के पासपोर्ट वेरीफिकेशन में जुटे रहे. अधिकारी इनके बारे में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं. वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों के बीच भी हड़कंप है. बता दें कि एटीएम में पैसा डालने वाली कंपनी सिक्यूरिटी ट्रांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआइपीएल) की रांची शाखा के प्रबंधक अजीत कुमार पांडेय के आवेदन पर गबन की प्राथमिकी जयनगर व बरही थाना में दर्ज की गयी है. बरही में 11 लाख 89 हजार व जयनगर थाना में छह लाख 56 हजार के गबन का आरोप है. हालांकि गबन की राशि करोड़ों रुपये बतायी जा रही है.
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