– अरुणओझा –
रेलवे फाटक बंद करने से परेशानी बढ़ी
झुमरीतिलैया : ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने व लोगों को रेलवे फाटक से आने–जाने में होनेवाली परेशानी को दूर करने के उद्देश्य से बनाया गया रेलवे ओवरब्रिज निर्माण में कई खामियों से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. 2008 में शुरू हुआ यह निर्माण कार्य 18 माह में पूर्ण होने की बजाय पांच वर्षो में भी पूरा नहीं बन पाया है.
ऐसे में इसका खामियाजा यहां के लोग भुगत रहे हैं. आनन–फानन में 16 अगस्त 2013 को ओवरब्रिज का उदघाटन तो कर दिया गया, पर आसपास की जनता मुसीबत झेल ही रही है.
पहाड़ सा अहसास, फिर खस्ताहाल सड़क : नवनिर्मित रेलवे ओवरब्रिज के झंडा चौक छोर से ब्रिज पर चढ़ने में पहाड़ की चढ़ाई चढ़ने जैसा अहसास होता है. इस ओर लंबाई कम मिलने के कारण पुल का ग्रेडियन काफी हाई लिया गया है. इसके कारण चढ़ाव बिल्कुल खड़ी होने के कारण रिक्शा, ठेला वाले ब्रिज पर चढ़ नहीं पाते. यही नहीं, ओवरब्रिज के दोनों तरफ उतरने के बाद खस्ताहाल सड़क से जूझना पड़ता है.
नहीं बनी सीढ़ी, आवाजाही में परेशानी : बिना सीढ़ी बनाये रेलवे फाटक के बंद होने से लोगों को इस पार से उस पार जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दो कदम चलने वाले जगह पर एक से तीन किलोमीटर तक अतिरिक्त चलना पड़ रहा है. शिवशक्ति नगर वार्ड नंबर 25 निवासी अमला प्रसाद सिंह का कहना है कि ओवरब्रिज तो बना, पर फाटक के बंद होने से यह लोगों के लिए अभिशाप बन गया है. सीढ़ी का निर्माण नहीं होना हमारे लिए मुसीबत है.
ज्यादा परेशानी बच्चों व मरीजों को : बिना सीढ़ी बनाये रेलवे फाटक को बंद कर देने से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हो रही है. रिक्शा ब्रिज पर चढ़ नहीं पा रहा है. इसके कारण डॉक्टर गली या सीएच स्कूल रोड जहां अधिकतर डॉक्टर बैठते हैं, वहां चार कदम के रास्ते के लिए या तो एक किलोमीटर पैदल आना पड़ता है या बाइपास होते हुए तीन किलोमीटर घुम कर आना पड़ता है.
वहीं, सीडी स्कूल, सीएच स्कूल या अन्य किसी भी स्कूल के छात्र–छात्रओं को एक किलोमीटर घूम कर ओवरब्रिज पार करना पड़ता है. या फिर रिक्शा लेकर बंद रेलवे फाटक को ही क्रास करना पड़ता है.
कांग्रेसियों ने दी आंदोलन की चेतावनी : कांग्रेस नेता छोटेलाल सिंह, विजय पोद्दार, अरविंद सेठ ने इस निर्णय को गलत करार देते हुए सीढ़ी निर्माण होने तक फाटक खोले जाने की मांग की है. यदि फाटक अविलंब नहीं खोला गया, तो आंदोलन करने की चेतावनी दी. राजद जिला उपाध्यक्ष संजय शर्मा ने भी बिना सीढ़ी बनाये फाटक को बंद करने के फैसले को गलत बताया.
अब तक नहीं हटाया गया खंभा : सड़क के बीचोंबीच पड़ने वाले बिजली के खंभे को ब्रिज निर्माण के पूर्व ही हटाना था, लेकिन ब्रिज चालू होने के बाद भी अब तक बिजली के खंभे को नहीं हटाया गया है. इसके कारण बराबर जाम की समस्या बनी रहती है.