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काम से मुंह चुरा रहे हैं सदर अस्पताल के चिकित्सक व स्टाफ
कोडरमा : कोडरमा सदर अस्पताल के चिकित्सक व स्टाफ काम चोरी में लगे हैं. यूं तो सदर अस्पताल पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. यहां एक भी महिला डॉक्टर नहीं है. इसके बावजूद यहां जिन डॉक्टरों की ड्यूटी लगी है, उनमें से कुछ यहां न आकर फर्जी हाजिरी का सहारा लेकर […]
कोडरमा : कोडरमा सदर अस्पताल के चिकित्सक व स्टाफ काम चोरी में लगे हैं. यूं तो सदर अस्पताल पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. यहां एक भी महिला डॉक्टर नहीं है.
इसके बावजूद यहां जिन डॉक्टरों की ड्यूटी लगी है, उनमें से कुछ यहां न आकर फर्जी हाजिरी का सहारा लेकर गायब रहते हैं. सोमवार को इसका खुलासा हुआ.
सीएल का खेल और बन जाती है हाजिरी : सोमवार को सदर अस्पताल में अस्पताल उपाधीक्षक के कक्ष में पड़ी उपस्थिति पंजी को जब मीडियाकर्मियों ने खोला, तो उसमें दंत चिकित्सक डॉ शरद कुमार की उपस्थिति की जगह सीएल लिखा था. यानी वे छुट्टी पर थे, लेकिन इससे पहले भी उनके नाम के आगे सीएल लिख बाद में हस्ताक्षर में तब्दील करने की कोशिश की बात सामने आयी. बताया जाता है कि डॉ शरद पटना में रह कर निजी प्रैक्टिस करते हैं और महीने में दो-चार दिन ही अस्पताल आते हैं. सदर अस्पताल का एक कर्मी ही पहले सीएल लिखता है, बाद में उनका हस्ताक्षर करता है.
सोमवार को उनका दंत चिकित्सा कक्ष भी बंद था. यही नहीं डॉ रमण कुमार की उपस्थिति की जगह पर दो-तीन दिन खाली है. यहां वे उपस्थित हैं या नहीं इसका जिक्र नहीं है. इनके अलावा अस्पताल के कई चिकित्सक समय से नहीं पहुंचते हैं. इस कारण मरीजों का सही से इलाज नहीं हो पाता है.
निरीक्षण के नाम पर घर पर आराम फरमा रहे थे सीएस
पूरे मामले में पक्ष जानने के लिए जब दिन के 12.30 बजे सिविल सजर्न डॉ एसएन तिवारी को फोन किया गया, तो उन्होंने खुद को निरीक्षण में होने की बात कही. फोन पर बातचीत के पांच मिनट बाद ही जब मीडियाकर्मी उनके आवास (डेरा) पहुंचे, तो वे आराम फरमाते मिले. कैमरे का फ्लैश चमकते ही बोले ई क्या है. जब उनसे पूछा गया कि आपने तो कहा कि निरीक्षण पर हैं, तो बात टालने लगे. कहा, अभी-अभी सीएआरएम टीम को विदा कर लौटे हैं. थोड़ी तबीयत खराब है. डॉ शरद व फर्जी हाजिरी के सवाल पर बोले जांच होगी. गलत होने पर वेतन कटेगा. स्टाफ पर भी कार्रवाई करेंगे.
डीएस भी मिले हुए हैं : सीएस
पूरे मामले में डीएस भी मिले हैं. उनसे भी स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. डीएस डॉ बीपी सिन्हा ट्रेनिंग पर गये हैं. प्रभारी डीएस डॉ आरएल रजक को फोन मिलाया, तो स्विच ऑफ मिला. सीएल लेने से पहले मेरी अनुमति जरूरी है. उनके पास डॉ शरद का नंबर नहीं था. मीडिया ने उपलब्ध कराया, तो उन्होंने फोन किया. पहले तो डॉक्टर ने उन्हें पहचाना नहीं, फिर बोले सर सीएल पर हैं.
डॉ एसएन तिवारी, सिविल सजर्न
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