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प्राथमिकी को लेकर थाना प्रभारी ने डीसी से मांगी अनुमति

कोडरमा : नवजात की मौत मामले में एएनएम व डॉक्टरों पर लगे लापरवाही व मारपीट के आरोप को लेकर दिये गये आवेदन पर मामला दर्ज नहीं हो सका है. मामले के सूचक कृष्ण रविदास के आवेदन के आधार पर मामला दर्ज करने को लेकर सतगावां थाना प्रभारी ने डीसी से अनुमति मांगी है. थाना प्रभारी […]

कोडरमा : नवजात की मौत मामले में एएनएम व डॉक्टरों पर लगे लापरवाही व मारपीट के आरोप को लेकर दिये गये आवेदन पर मामला दर्ज नहीं हो सका है. मामले के सूचक कृष्ण रविदास के आवेदन के आधार पर मामला दर्ज करने को लेकर सतगावां थाना प्रभारी ने डीसी से अनुमति मांगी है.
थाना प्रभारी रामानंद प्रसाद ने डीसी को लिखे पत्र में पूरी घटना को जिक्र करते हुए कहा है कि राज्य सेवा के क्षेत्रीय पदाधिकारी पर सरकारी कार्यों से संबंधित प्रशासनिक मामलों में प्राथमिकी करने के पूर्व उनके प्रशासी विभाग की अनुमति जरूरी है. ऐसे में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ चंद्रमोहन कुमार, डाॅ हेमंत चंद्रा पर लगे आरोपों के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी जाये.
एएनएम ने मामला दर्ज करने को लेकर दिया आवेदन
मौत के बाद हंगामा करने व खुद के साथ हुई मारपीट को लेकर एएनम बेबी कुमारी ने सतगावां थाना में मामला दर्ज करने को लेकर आवेदन दिया है. दिये गये आवेदन में कृष्ण रविदास पिता स्व. छोटू रविदास), पत्नी लाजवंती देवी, पुत्र संदीप कुमार सभी निवासी शिवपुर पर मारपीट करने व सुनील यादव पिता रामस्वरूप यादव निवासी समलडीह, जगदीश राम पिता स्व.रघु रविदास निवासी रजघटी, अविनाश कुमार उर्फ कारू सिंह पिता वीरेंद्र सिंह निवासी सतगावां व 120 अज्ञात के विरुद्ध भीड़ को भड़काने, षड्यंत्र रच कर फंसाने का प्रयास करने व तोड़फोड़ करने का आरोप है. एएनएम के अनुसार जब महिला बिंदु कुमारी को प्रसव के लिए केंद्र लाया गया तो पूरा इलाज किया गया, पर नवजात मृत पैदा हुआ. बावजूद इसके लोगों ने धक्का मुक्की करते हुए गाली-गलौज की. रात में मामला शांत होने के बाद भी अगली सुबह लोगों ने हंगामा किया.
डॉक्टरों के पक्ष में उतरे स्थानीय लोग
इधर, आरोपों में घिरे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ चंद्रमोहन कुमार, डाॅ हेमंत चंद्रा के पक्ष में सतगावां के स्थानीय लोग उतर आये हैं. प्रखंड के मरचोई पंचायत के लोगों ने एक लिखित आवेदन डीसी के नाम दिया है. इसमें कहा गया है कि मरचाई में जब फूड प्वाइजनिंग की घटना हुई थी, तब इन डॉक्टरों ने बेहतर कार्य किया.
एक साजिश के तहत इन्हें फंसाने का कार्य किया जा रहा है. इन डाॅक्टरों के आने के बाद चिकित्सा व्यवस्था में सुधार हुआ है. आवेदन में सांसद प्रतिनिधि बालमुकुंद सिंह, भुनेश्वर सिंह, रामजतन प्रसाद, कौशल कुमार, संजय रविदास, भोला पांडेय, अभिषेक पांडेय आदि का हस्ताक्षर है. वहीं अजय कुमार, मनोज भगत, विनय कुमार, रामवृक्ष प्रसाद यादव आदि ने भी अलग से एक आवेदन डीसी को देकर डाॅक्टरों को निर्दोष बताया है. इसमें डॉक्टरों को फंसाने का आरोप सुनील यादव, जगदीश राम, अविनाश कुमार आदि पर लगाया गया है.

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