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प्रखंड मुख्यालय के पास उड़ रही है स्वच्छता अभियान की धज्जियां

केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत मिशन की महत्वपूर्ण योजना के बाद झुमरीतिलैया नगर पर्षद को इस बार स्वच्छ शहर सर्वे में शामिल किया गया है. वर्ष 2018 में देश के 500 शहरों में स्वच्छता को लेकर सर्वे होना है. स्वच्छ शहर सर्वे को लेकर पांच जनवरी के बाद सर्वेक्षण टीम पहुंचेगी, लेकिन […]

केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत मिशन की महत्वपूर्ण योजना के बाद झुमरीतिलैया नगर पर्षद को इस बार स्वच्छ शहर सर्वे में शामिल किया गया है. वर्ष 2018 में देश के 500 शहरों में स्वच्छता को लेकर सर्वे होना है. स्वच्छ शहर सर्वे को लेकर पांच जनवरी के बाद सर्वेक्षण टीम पहुंचेगी, लेकिन शहर के ब्लॉक रोड में स्थित तालाब का नजारा हैरान करनेवाला है. इस तालाब के निकट प्रखंड मुख्यालय, विद्यालय, चिल्ड्रेन पार्क व अस्पताल भी है. बावजूद इसके नगर पर्षद का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. यह तालाब नगर पर्षद के स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है. तालाब के इर्द-गिर्द फैली गंदगी से लोगों का बगल से गुजरना दुभर हो गया है. स्वच्छता को लेकर नगर पर्षद के द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं. एंड्राइड फोन एप के जरिये भी स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जगह-जगह पर कूड़ेदान लगाये जा रहे हैं, लेकिन शहर का रीढ़ कहे जाने वाले ब्लॉक रोड के समीप इस तालाब को देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि स्वच्छता अभियान सिर्फ एक जुमलेबाजी तक सीमित रह गया है.
झुमरीतिलैया: शहर के ब्लॉक रोड में प्रखंड मुख्यालय के पास स्थित तालाब की स्थिति इन दिनों नारकीय हो गयी है. गंदगी से तालाब भरा है. लोगों को यहां से गुजरना मुश्किल है. इस मुद्दे पर स्थानीय शिव तारा सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य रणजीत सिंह ने बताया कि ब्लॉक रोड स्थित विद्यालय के सामने तालाब में गंदगी फैलने से विद्यालय के बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने का डर बना रहता है.

तालाब के गंदे पानी में खतरनाक मच्छर पनपते हैं, जिससे बच्चों को डेंगू, मलेरिया आदि जानलेवा बीमारी की संभावना बनी रहती है. उन्होंने बताया कि विद्यालय व तालाब के समीप ही चिल्ड्रेन पार्क है, जहां स्वच्छ वातावरण में स्वस्थ रहने के लिए लोग टहलने, खेलने व योगा करने जाते हैं, लेकिन तालाब में गंदगी का अंबार लगने से वातावरण में गंदी बदबू आती है, जिससे लोग स्वस्थ होने की वजह अस्वस्थ महसूस करते हैं. वहीं तालाब के बगल में संचालित हो रहे चाणक्य एजुकेशन एकेडमी के निदेशक राजेश सिन्हा का कहना है कि एकेडमी के सामने तालाब में फैली गंदगी के कारण लगातार यहां जहरीले कीटाणु के साथ-साथ जहरीले सांप का भी एकेडमी के समीप रहते हैं, जिससे एकेडमी में पढ़नेवाले बच्चों की जान पर खतरा बना रहता है. कभी-कभी तो गंदगी के कारण बदबू से यहां रहना दूभर हो जाता है. इन्होंने नगर पर्षद से तालाब की नियमित साफ-सफाई करने की अपील की, ताकि आसपास के लोगों को स्वस्थ वातावरण मिल सके.

समाजसेवी कृष्णा सिंह का कहना है कि कोडरमा जिला का नाक कहे जाने वाले झंडा चौक को शहर के वार्ड पार्षद, नगर अध्यक्ष, विधायक, मंत्री, पदाधिकारी व सरकार की व्यवस्था ने शौचालय बनाने का काम किया है, जिसके कारण महिलाओं को भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. झंडा चौक से गुजरने वाली महिलाओं को शर्म से मुंह छिपा कर वहां से निकलना पड़ता है. वहीं शहर के दूसरी और प्रखंड मुख्यालय के समीप चिल्ड्रेन पार्क है. विद्यालय व अस्पताल भी है. इसके बावजूद यहां एक भी शौचालय नहीं है. ऐसे में आसपास से गुजरने वाले लोगों को अक्सर तालाब में लोग खुले में शौच करते दिख जाते हैं. यही नहीं इस तालाब में आसपास का कचड़ा भी फेंका जाता है. कभी कभी तो मृत जानवरों का शव भी तालाब में डाल दिया जाता है. इधर, तालाब के बगल में शुभ लाभ क्लिनिक चलाने वाले महेश सिंह ने कहा कि अस्पताल का कचरा तालाब में नहीं फेंका जाता है. ज्यादातर गंदगी को तो जला कर नष्ट कर दी जाती है. बाकी कचरा नगर पर्षद द्वारा उपलब्ध कराये गये कूड़ेदान में डाला जाता है.

उन्होंने बताया कि पहले भी इसी तरह का आरोप अस्पताल के खिलाफ लगाया गया था, उस समय भी हमने आरोप को बेबुनियाद साबित किया था. उन्होंने कहा कि यह तालाब खुला है, अगर किसी अन्य लोगों द्वारा भी इसमें गंदगी डाली जाती है तो आरोप हम पर ही लगाया जाता है. तालाब में गंदगी होने के कारण हमारे अस्पताल में जो मरीज स्वस्थ होने आते हैं, उनका इस गंदगी के कारण अस्वस्थ होने का खतरा लगातार बना रहता है.

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