अंकुर की मौत के बाद परिजनों ने स्कूल के प्राचार्य व उप प्राचार्य पर हत्या का मामला दर्ज कराया था. ऐसे में अब यह मामला दूसरी तरफ मोड़ लेता नजर आ रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आरोपी बनाये गये प्राचार्य व उप प्राचार्य को राहत मिलने की उम्मीद है. जानकारी के अनुसार बीते 21 जुलाई को हिरोडीह निवासी मेधावी छात्र अंकुर अंबष्ठ का शव जेएनवी के हॉस्टल वाले कमरे में मिला था. प्रबंधन के अनुसार अंकुर ने कमरे में लगे पंखे में गमछा के सहारे लटक कर आत्महत्या कर ली थी, जबकि छात्र की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने प्राचार्य व अन्य के साथ मारपीट की थी.
परिजनों का आरोप था कि अंकुर की मौत की सूचना स्कूल प्रबंधन ने उन्हें पहले नहीं दी और उसे सीधे सदर अस्पताल क्यों ले गये. यहीं नहीं घटना की सूचना पुलिस को भी नहीं देने व अंकुर को प्रताड़ित करने का आरोप लगा था. हंगामे के बाद सदर अस्पताल में शिक्षा मंत्री डाॅ नीरा यादव, डीसी संजीव कुमार बेसरा व अन्य पहुंचे थे. पुलिस-प्रशासन के पदाधिकारियों ने परिजनों की संतुष्टि के लिए रिम्स रांची में मेडिकल बोर्ड से शव का अंत्यपरीक्षण कराने का आश्वासन देकर शांत कराया था. बीते 22 जुलाई को अंकुर के शव का अंत्यपरीक्षण रिम्स में डाॅक्टरों की तीन सदस्यीय टीम ने की. टीम में फॉरेंसिक मेडिसीन व विश विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ सीएस प्रसाद, डाॅ कुमार शुभेंदु व जूनियर रेसिडेंट डाॅ रोहन कुमार शामिल थे. टीम ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें लटकने व घुटन से मौत का कारण बताया गया है. थाना प्रभारी ने अंकुर के चाचा अरविंद कुमार अंबष्ठ व ग्रामीण महेश प्रसाद वर्णवाल की मौजूदगी में पोस्टमार्टम रिपोर्ट खोली. हालांकि, टीम ने विस्तृत रिपोर्ट के लिए शव का विसरा प्रिजर्व रखने व इसकी जांच एफएसएल रांची में कराने की बात कही है.