तमाड़. प्रखंड के चिरुडीह गांव में गुरुवार को फ्रांस से आये पर्यटक सोहराय पर्व की पारंपरिक कला, लोकनृत्य और ग्रामीण जीवनशैली से रूबरू हुए. गांव पहुंचने पर महिला कलाकारों और बच्चों ने पारंपरिक ढंग से उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके बाद अतिथियों ने सोहराय पेंटिंग, नृत्य-गीत और स्थानीय रीति-रिवाजों का आनंद लिया.मेहमानों ने कहा कि झारखंड की यह लोककला विश्व मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने की क्षमता रखती है. उन्होंने कलाकारों की सृजनशीलता और मेहनत की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां की संस्कृति में गहराई और मौलिकता झलकती है. मिशन आर्टिस्ट विलेज के संस्थापक मनीष महतो ने बताया कि यह पहल गांव की कला और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण कलाकारों की प्रतिभा को वैश्विक पहचान दिलाना ही मिशन का मुख्य उद्देश्य है. कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों, महिला कलाकारों और बच्चों की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही. पूरे गांव में रंग, लोकधुन और उत्सव का माहौल छा गया.
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