खूंटी. अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ इस्कॉन नामहट केंद्र खूंटी के तत्वावधान में एकदिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया गया. कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुये. इस अवसर पर केंद्र के संचालक शुकामृत दास ने कहा कि जीव न सेवक है, न मालिक है, न राजा है, न प्रजा है, न माता है और न पिता है. जीव शुद्ध आत्मा तत्व कहलाता है. कीट के अंदर भी वही आत्मा, हाथी के अंदर भी वही आत्मा, उसी प्रकार आम इंसान में भी वही आत्मा और खास इंसान में भी वही आत्मा होती है. कहा कि धन-दौलत, प्रभाव, नाम, शोहरत, पद, रूप, रंग में किसी को तौलना नहीं चाहिए. श्रीमद् भागवत गीता हमें आत्म परायणता, आत्मबोध, वास्तविकता संबंध ज्ञान बताता है. कथा के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया.
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