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अच्छी पहल : बढ़ती गर्मी में लाचार व बुजुर्गों को खाना के लिए अब नहीं करना पड़ता इंतजार, भोंपू बजा कर दी जाती है सूचना

मुख्यमंत्री दीदी किचन में बने भोजन को लेने के लिए जरूरतमंदों को अब घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं है. खाना बनते ही भोंपू बजा कर जसपुर गांव के जरूरतमंदों को सूचित किया जाता है. इससे गरीब, लाचार व बुजुर्गों को घंटों लाइन में लग कर पके भोजन लेने की परेशानी से छुटकारा मिल गया है. जसपुर पंचायत के पूर्व उप मुखिया डेविड कंडुलना की इस तरकीब की अब हर ओर प्रशंसा हो रही है.

खूंटी : जिले का एक प्रखंड है रनिया. इस प्रखंड के जसपुर गांव में एक नयी पहल देखने को मिली. मुख्यमंत्री दीदी किचन में बने भोजन को लेने के लिए जरूरतमंदों को अब घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहीं है. खाना बनते ही भोंपू बजा कर जसपुर गांव के जरूरतमंदों को सूचित किया जाता है. इससे गरीब, लाचार व बुजुर्गों को घंटों लाइन में लग कर पके भोजन लेने की परेशानी से छुटकारा मिल गया है. जसपुर पंचायत के पूर्व उप मुखिया डेविड कंडुलना की इस तरकीब की अब हर ओर प्रशंसा हो रही है. पढ़ें समीर रंजन की रिपोर्ट.

खूटी जिला अंतर्गत रनिया प्रखंड के जसपुर गांव में पूर्व उप मुखिया डेविड कुंडलना ने कुछ करने को सोची. भोजन के लिए इंतजार करते गरीब, लाचार व बुजुर्गों को इससे निजात दिलाने का निर्णय लिया. राज्य में 3 अप्रैल, 2020 से शुरू हुई मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना के कुछ दिन बाद से ही जसपुर गांव में भोंपू बजा कर लोगों को भोजन लेने की पहल शुरू हुई.

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डेविड जयपुर आजीविका महिला ग्राम संगठन द्वारा संचालित इस मुख्यमंत्री दीदी किचन में भोजन बन जाने के उपरांत पूरे गांव में भोंपू बजा कर जरूरतमंदों को सूचित करने लगे. भोंपू की आवाज सुन जरूरतमंद जसपुर गांव के इस मुख्यमंत्री दीदी किचन में आकर भोजन लेते हैं. यह प्रकिया आज भी जारी है. इससे जहां लोगों को लाइन में घंटों लगने की परेशानी से राहत मिली है, वहीं भोजन बन जाने के सही समय की जानकारी भी मिल जाती है.

मालूम हो कि लॉकडाउन के कारण झारखंड के गरीब, लाचार, बुजुर्ग जरूरतमंदों को खाने की परेशानी न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरे राज्य के गांव- पंचायत में मुख्यमंत्री दीदी किचन की शुरुआत की. ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) के तहत संचालित सखी मंडल की महिलाओं (जिन्हें गांव में दीदी कहकर पुकारते हैं) को जिम्मेदारी मिली.

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सखी मंडल की दीदियों ने गांव-पंचायत में मुख्यमंत्री दीदी किचन के सहारे गरीब- गुरबे जरूरतमंदों को खाना खिलाना शुरू किया. 3 अप्रैल, 2020 से शुरू हुई मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना मील का पत्थर साबित होने लगी. शुरुआती दौर में दोपहर और शाम को पौष्टिक आहार दिया जाता था. लेकिन, लॉकडाउन 3.0 से सिर्फ दोपहर में ही जरूरतमंदों को भोजन दिया जा रहा है.

जयपुर आजीविका महिला ग्राम संगठन द्वारा संचालित इस किचन में अब तक 9,354 थाल भोजन परोसा जा चुका है. वहीं खूंटी जिले में अब तक 4 लाख थाल परोसे जा चुके हैं. जयपुर आजीविका महिला ग्राम संगठन की तीन दीदियां विलासी देवी, राजमुनी देवी और गायत्री देवी हर दिन गांव के जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करा रही हैं.

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इन तीन दीदियों में एक गायत्री देवी बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट का भी कार्य करती हैं, जो गांव- पंचायत के ग्रामीणों को बैंक की सुविधा उनके घर पर ही उपलब्ध कराती हैं. बीसी सखी गायत्री देवी अब तक 22 लाख के करीब बैंकिंग लेन-देन कर चुकी हैं. दूसरी ओर, पूरे राज्य में 7 हजार से अधिक चल रहे सीएम दीदी किचन ने अब तक 2 करोड़ से अधिक जरूरतमंदों को पौष्टिक भोजन की थालियां परोस कर लोगो को भूख से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.

सखी मंडल की इन दीदियों के इस प्रयास का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम भी प्रशंसा कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने इन दीदियों के प्रयास को लेकर उनकी हौसला अफजाई की, वहीं मंत्री अालमगीर आलम ने गांव- पंचायत के विकास में इनकी उपयोगिता को बेहतर बताया है.

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