प्रखंड में कई सरकारी भवन बने हैं, जिनका उपयोग नहीं हो रहा है. बेकार पड़े रहने से भवन अभी से ही जर्जर दिखने लगे हैं.
खलारी : प्रखंड क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च कर दर्जन भर सरकारी भवन बना दिये गये, लेकिन इनका उपयोग नहीं हो रहा है. 2009 में बुढ़मू से अलग होकर खलारी प्रखंड अस्तित्व में आया. इसके बाद शुरू हो गया भवनों के बनने का दौर. करोड़ों का मॉडल प्रखंड सह अंचल कार्यालय का भवन बना, लेकिन सभी विभागों के लिए अधिकारी पदस्थापित नहीं किये गये. ज्यादातर विभाग के अधिकारी दूसरे प्रखंडों के हैं. जिन्हें खलारी प्रखंड का काम अतिरिक्त प्रभार के रूप में मिला हुआ है. यही कारण है कि प्रखंड कार्यालय भवन के कई कमरे आज भी बंद ही रहते हैं.
बीडीओ व सीओ के लिए सुविधाओं से लैस आवास बने, लेकिन दोनों अधिकारी रांची में ही रहते हैं. इसके अलावे प्रखंड कार्यालय के परिसर में ही उत्पादन एवं प्रशिक्षण केंद्र, राजीव गांधी भारत निर्माण केंद्र, परिसर में ही बने दो अन्य भवन, खलारी बाजारटांड़ में स्कूल के पीछे बनाया गया 30 लाख का गोदाम, महावीर नगर में बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पांच पंचायतों में बनाये गये उप स्वास्थ्य केंद्र भी बनने के बाद उपयोग नहीं हो रहे हैं. इनमें कई भवन तो ऐसे हैं कि उन पर नाम भी नहीं लिखा है कि ये किस विभाग के हैं. इनमें कई भवन की लागत करोड़ से ऊपर है. कई 20 लाख से अधिक के हैं.