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झारखंड : स्टेशन मैनेजर से चालक कर रहे शिकायत, सर! धूल से नहीं दिखाई देता सिग्नल व ट्रैक, कैसे रोकें ट्रेन

पिपरवार : सीआइसी सेक्शन के बरकाकाना-बरवाडीह रेलखंड पर अवस्थित अरबों का राजस्व देनेवाले राय रेलवे स्टेशन पर धूल-गर्द के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ट्रेन चालक धूल-गर्द के कारण स्टेशन मैनेजर से सिग्नल नहीं दिखने की शिकायत कर रहे हैं. हादसे से बचने के लिए चालक एक किलोमीटर दूर से ही ट्रेन […]

पिपरवार : सीआइसी सेक्शन के बरकाकाना-बरवाडीह रेलखंड पर अवस्थित अरबों का राजस्व देनेवाले राय रेलवे स्टेशन पर धूल-गर्द के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ट्रेन चालक धूल-गर्द के कारण स्टेशन मैनेजर से सिग्नल नहीं दिखने की शिकायत कर रहे हैं. हादसे से बचने के लिए चालक एक किलोमीटर दूर से ही ट्रेन को निर्धारित गति से काफी धीमी कर हार्न बजाते हुए स्टेशन से गुजरते हैं. पैसेंजर ट्रेनों से लेकर स्वर्ण जयंती जैसी सुपर फास्ट ट्रेनों को रोजाना यह सावधानी बरतनी पड़ती है.
राय स्टेशन मैनेजर जे सोरेन ने बताया कि ट्रेनों के रुकने के समय प्लेटफॉर्म पर काफी भीड़ रहती है. प्लेटफॉर्म नीचा होने के कारण कुछ लोग ट्रैक पर आ जाते हैं. ट्रेन चालक को धूल-गर्द के कारण दूर से प्लेटफार्म भी नहीं दिखायी देता है. ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है. धूल-गर्द के कारण यात्री पहले से स्टेशन पर ट्रेन की प्रतीक्षा नहीं करना चाहते हैं. इससे कई यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है.
विभागीय व्यवस्था ध्वस्त : आरसीएम साइडिंग में धूल-गर्द की रोकथाम के लिए काफी संख्या में स्प्रींकलर लगाये गये हैं. सड़कों पर पानी छिड़काव में भी हर माह लाखों रुपये का खर्च होता है. प्रबंधन की लापरवाही व पानी की किल्लत की वजह से यह व्यवस्था कारगर नहीं हो पा रही है. वाटर टैंकरों से साइडिंग में पर्याप्त पानी का छिड़काव नही हो रहा है. गर्मी से कभी कभार होनेवाले पानी का छिड़काव ऊंट के मुंह में जीरा की कहावत चरितार्थ कर रहा है.
साइडिंग में पानी छिड़काव की मांग
राय स्टेशन पर धूल-गर्द का मुख्य कारण सीसीएल पिपरवार क्षेत्र की आरसीएम साइडिंग की गतिविधियां हैं. राय स्टेशन प्लेटफॉर्म ट्रैक के पूर्वी छोर पर है जबकि दक्षिणी छोर पर आरसीएम साइडिंग है. यहां से देश के कई पावर प्लांट को प्रतिदिन छह-सात रैक कोयले का डिस्पैच किया जाता है. साइडिंग में रैक लोडिंग व काफी संख्या में डंपरों के परिचालन से धूल-गर्द उड़ता है. दोपहर में हवा चलने पर राय स्टेशन परिसर धूल-गर्द के बवंडर से ढंक जाता है. इससे परेशान आसपास के ग्रामीण भी आये दिन पानी छिड़काव की मांग को लेकर वहां की कोयला ढुलाई ठप कराते रहते हैं.
प्रदूषण के कारण रेलकर्मी पड़ रहे बीमार
रेलकर्मियों को धूल-गर्द के माहौल में काम करना पड़ रहा है. जिससे वे बीमार हो रहे हैं. ट्रैफिक इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि धूल-गर्द के कारण रेलकर्मी सर्दी, खांसी सहित श्वांस जनित रोग से ग्रसित हो रहे हैं.
शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं
रेलकर्मियों ने बताया कि धूल-गर्द को लेकर सीसीएल प्रबंधन व रेल विभाग के उच्च अधिकारियों से कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. विभागीय उदासीनता के कारण उनकी समस्या का कोई निदान नहीं निकल पा रहा है.

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