Jharkhand Budget 2025: झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपना वार्षिक बजट विधानसभा में पेश कर दिया है. सोमवार, 3 मार्च 2025 को राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बजट पेश किया, जिसमें राज्य की वित्तीय स्थिति और योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया गया.
केंद्र से बकाया राशि की मांग
वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड को भारत सरकार से लगभग 1.36 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने हैं. यह राशि कोयले की रॉयल्टी, कॉमन कॉज जजमेंट के तहत देनदारियों और सरकारी भूमि अधिग्रहण से संबंधित बकाया के रूप में केंद्र सरकार के पास लंबित है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कई बार केंद्र सरकार से इस बकाया राशि की मांग कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस पैसे की वसूली के जरूरी हुआ, तो झारखंड सरकार कानूनी कार्रवाई के विकल्प पर भी विचार करेगी.
केंद्र प्रायोजित योजनाओं में धनराशि का अभाव
हर वर्ष बजट में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए वित्तीय प्रावधान किया जाता है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अपेक्षित राशि समय पर जारी नहीं किए जाने के कारण योजनाओं के लागू करने में दिक्कतें आती हैं. योजनागत बजट में वृद्धि के बावजूद, व्यय का प्रतिशत अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पा रहा है. राज्य सरकार इस समस्या के समाधान के लिए आने वाले वित्तीय वर्षों में विशेष कदम उठाएगी.
केंद्रांश मद के तहत धनराशि का प्रावधान
वित्तीय वर्ष 2025-26 में झारखंड सरकार ने केंद्रांश मद के तहत 17,057 करोड़ 10 लाख 10 हजार रुपये का प्रावधान किया है. सभी विभागों को यह राशि प्राप्त करने के लिए नई दिल्ली स्थित स्थानीय आयुक्त के माध्यम से भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों से समन्वय स्थापित करना होगा.
झारखंड सरकार का यह बजट राज्य की वित्तीय मजबूती और विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. सरकार का मुख्य उद्देश्य लंबित बकाया राशि प्राप्त करना और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक संसाधन जुटाना है.
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