जामताड़ा. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिले के चिह्नित जनजातीय 285 गांवों के जनजातीय लोगों को कई योजनाओं से जोड़ा जायेगा. इसके लिए सरकार ने जिले के मात्स्यिकी से जुड़े कृषकों या मात्स्यिकी से जुड़ने के लिए इच्छुक जनजातीय व्यक्तियों के लिए योजना लायी है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि उनके सामाजिक भौतिक एवं आर्थिक सुरक्षा एवं उन्नति के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के लिए जनजातीय आवेदकों को योजना का लाभ 90 प्रतिशत सरकारी अनुदान, शेष 10 प्रतिशत स्वयं लाभुक को वहन किये जाने का प्रावधान है. इसमें करीब 22 प्रकार की योजनाएं लायी गयी है.
इन योजनाओं का मिलेगा लाभ :
कार्प हैचरी अधिष्ठापन कार्य, नये रियरिंग तालाब का निर्माण, नये ग्रो आउट तालाब का निर्माण, मिश्रित मत्स्य पालन, पंगेशियस एवं तिलापिया पालन आदि के लिए इनपुट, बायोफ्लॉक तालाबों का निर्माण, बैकयार्ड सजावट, मध्यम आकार की सजावट, मध्यम आरएएस इकाई की स्थापना, छोटे आकार के आरएएस, बैकयार्ड मिनी आरएएस, जलाशयों में केज अधिष्ठापन, आरएफएफ- पेन कल्चर से मत्स्य पालन, कम से कम 10 टन क्षमता वाले शीत गृह, रेफ्रिजेरेटेड वाहन, इंसुलेटेड वाहन, आइस बॉक्स के साथ बाइक, आइस बॉक्स के साथ साइकिल, मछली बिक्री के लिए आइस बॉक्स के साथ तीन पहिया वाहन, जिंदा मछली बिक्री केंद्र, लघु फिश फीड मिल, फिश कियोस्क का निर्माण, नाव एवं जाल परंपरागत मछुआरों के लिए दिया जायेगा. इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी ऋतु रंजन ने कहा कि उक्त योजना का लाभ लेने के लिए आवेदकों को आवेदन जिला मत्स्य कार्यालय में 18 मार्च तक करना होगा. आवेदन के साथ आवेदित योजना का डीपीआर, बैंक खाता की छायाप्रति, आधार कार्ड की छायाप्रति, अंशदान लगाने से संबंधित शपथ पत्र, जाति प्रमाण पत्र अन्य योजना से लाभ प्राप्त करने का शपथ पत्र एवं निर्माण व अधिष्ठापन योग्य आवेदित योजना के लिए सीओ स्तर से निर्गत भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है