हरे-भरे पेड़-पौधों और घने जंगलों से घिरा है कांधीहाड़ा प्रतिनिधि, कुंडहित. नववर्ष के अवसर पर कांधीहाड़ा पिकनिक स्पॉट सैलानियों को खूब आकर्षित करेगा. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह स्थल हरे-भरे पेड़-पौधों और घने जंगलों से घिरा हुआ है. जंगल के नीचे कल-कल करती बहती शीला नदी और उसके इर्द-गिर्द फैली सफेद पत्थर की चट्टानें पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेती है. चट्टानों से टकराता हुआ नदी का पानी इस स्थल की सुंदरता में चार चांद लगाता है. कांधीहाड़ा पिकनिक स्पॉट में पिकनिक मनाने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं. पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से भी बड़ी संख्या में लोग यहां आकर पिकनिक मनाते और प्राकृतिक वादियों का आनंद उठाते हैं. कोई जंगल के बीच वनभोजन करता है तो कोई शीला नदी के किनारे सफेद चट्टानों पर बैठकर पिकनिक का लुत्फ उठाता है. हर वर्ष एक जनवरी से 15 जनवरी तक यहां वन भोजन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है. खासकर अंग्रेजी नववर्ष के दिन बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और दिनभर डीजे की धुन पर झूमते हुए नये साल का जश्न मनाते हैं. आज भी परंपरा को निभाते हुए आसपास के गांवों के लोग अपने परिवारों के साथ बैलगाड़ी से सफर कर कांधीहाड़ा शीला नदी तट पर वन भोजन के लिए पहुंचते हैं. यहां बूढ़े-जवान और बच्चे पूरे परिवार के साथ पिकनिक का आनंद लेते हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर कांधीहाड़ा में मेले का आयोजन भी होता है. इस दौरान दूर-दराज से लोग यहां आकर मकर स्नान करते हैं. कांधीहाड़ा पिकनिक स्पॉट कुंडहित प्रखंड के बनकाटी पंचायत अंतर्गत खैरापाड़ा में स्थित है. यह स्थल प्रखंड मुख्यालय से मसानजोर डैम जाने वाली पक्की सड़क से लगभग सात किलोमीटर की दूरी पर है. सड़क का निर्माण हो चुका है, लेकिन आज तक इस मार्ग पर बस सेवा शुरू नहीं हो पाई है. इस कारण यहां आने-जाने वाले लोग दोपहिया और चारपहिया वाहनों का ही सहारा लेते हैं. अब तक जिला प्रशासन की ओर से कांधीहाड़ा पिकनिक स्पॉट के विकास के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिसके कारण यह स्थल अपेक्षित रूप से विकसित नहीं हो सका है. यदि इसका समुचित विकास किया जाए, तो यहां सैलानियों की और भी अधिक भीड़ उमड़ सकती है. पिकनिक के मौसम को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से निगरानी रखी जाती है.
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