नारायणपुर. चंदाडीह लखनपुर गांव की 16 वर्षीय बेटी समीना खातून ने कम उम्र में कुरान शरीफ को हिफ्ज कर मिसाल कायम की है. पिता ताहिर अंसारी की यह होनहार बेटी अब हाफिजा बन गई है. समीना ने अपने कठिन परिश्रम, समर्पण और मजबूत इरादों से यह मुकाम हासिल की है, जो न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे इलाके के लिए गर्व का विषय है. अल इकरा अकेडमी के डायरेक्टर मौलाना इमरान ने बताया कि समीना ने महज डेढ़ साल की अवधि में पूरे कुरान शरीफ को ज़ुबानी याद कर ली. यह कार्य एक सामान्य उपलब्धि नहीं, बल्कि विशेष लगन और ईमानदारी का प्रतीक है. समीना ने अपनी सफलता का श्रेय अल्लाह की रहमत, माता-पिता की दुआओं और शिक्षकों के मार्गदर्शन को दिया. समीना खातून का सपना है कि वह आगे चलकर इस्लामी तालीम को समाज में फैलाएं और महिलाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करें. उन्होंने कहा, “यह राह आसान नहीं था, लेकिन अल्लाह पर भरोसा और परिवार का साथ मुझे आगे बढ़ाता रहा. इस प्रेरणादायक उपलब्धि पर मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने भी समीना को बधाई दी. उन्होंने कहा “यह सफलता न केवल एक बेटी की है, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा है. बेटियों की शिक्षा और तरक्की के लिए यह एक सकारात्मक संदेश है, जिसे सबको अपनाना चाहिए. मौके पर मौलाना मुजीबुर रहमान नदवी, ने समीना को हाफिजा की उपाधि देकर सम्मानित किया. मौके पर कई उलेमा और समाजसेवी भी मौजूद रहे, जिन्होंने दीनी तालीम की महत्ता पर प्रकाश डाला. मौके पर बीस सूत्री अध्यक्ष सलीम अंसारी उर्फ बीरबल, मुफ्ती सिद्दीक, मौलाना मुस्तकीम, मौलाना अजीमुद्दीन, हाफिज नाजीर हुसैन, मौलाना मुमताज, मुफ्ती कमरुज्जमा, मौलाना कलीमुद्दीन, हाफिज शोएब आदि मौजूद थे.
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