जामताड़ा. झारखंड विधानसभा में विशेष चर्चा के दौरान राज्य के आपदा प्रबंधन एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि भारी वर्षा और अतिवृष्टि से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार और प्रतिबद्ध है. मंत्री ने बताया कि पिछले दो वर्षों (2023-24, 2024-25) में मई-जुलाई में बारिश सामान्य से कम थी, जबकि वर्तमान वर्ष (2025-26) में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. मई में 107 प्रतिशत, जून में 84 प्रतिशत और जुलाई में 29 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई. वर्तमान समय में राज्य के कई जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी है. मंत्री ने बताया कि अतिवृष्टि व प्राकृतिक घटनाओं से अब तक 486 मौतें (09 अतिवृष्टि, 01 बाढ़, 188 वज्रपात, 192 डूबने से, 96 सर्पदंश), मकान क्षति – 10,900 कच्चे मकान आंशिक रूप से, 474 कच्चे मकान पूरी तरह, 212 पक्के मकान आंशिक और 18 पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त, कृषि क्षति -23,886 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित, तुलना, पिछले वर्ष (2024-25) में 536 लोगों की मृत्यु, 1,620 मकान क्षतिग्रस्त और 67,211 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई थी. सरकार की तत्परता से आपदा प्रभावितों को मदद के लिए अब तक लगभग 48.15 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. चार माह में ही जिलों को 52.00 करोड़ रुपये की राशि राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए उपलब्ध करायी जा चुकी है. अधियाचनाओं पर 24 घंटे के भीतर राशि जारी की जा रही है. वज्रपात की घटनाओं को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक फाइल्ड मिल ईएफएम योजना की शुरुआत की गयी है. पहले चरण में रांची, जमशेदपुर, गुमला, बोकारो और पलामू जिलों के 25 पंचायतों में यह तकनीक लगायी जाएगी. डॉ अंसारी ने कहा कि जहां हमारी सरकार संकट की घड़ी में जनता के साथ खड़ी है, वहीं विपक्ष सिर्फ बयानबाज़ी और अफवाह फैलाने में व्यस्त है. जनता को राहत चाहिए, राजनीति नहीं.
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