कुंडहित. प्रखंड मुख्यालय स्थित सिंहवाहिनी मंदिर में 751 कन्याओं की ओर से कलश यात्रा के साथ ही पांच दिवसीय बासंती पूजनोत्सव सह मेला की शुरुआत हुई. पूजनोत्सव शुरू होते ही कुंडहित सहित आसपास के गांव में माहौल भक्तिमय हो गया. कार्यक्रम की शुरुआत में महाषष्ठी के दिन गुरुवार को 751 कन्याओं ने पांच किलोमीटर दूर शीला नदी से पवित्र जल लाकर कलश स्थापन किया. कलश यात्रा के दौरान सरस्वती महिला ढाकी पार्टी चाकदोला बर्धमान संप्रदाय द्वारा एक से बढ़कर एक नृत्य प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया गया. रात को सिंहवाहिनी मंदिर परिसर में जय माता दी संप्रदाय देवघर के कालाकारों ने भक्ति जागरण मंचन किया. वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को माता की महासप्तमी पूजा तथा रात्रि 9:00 बजे से सुमन भट्टाचार्य की पुत्री सुनंदा भट्टाचार्य द्वारा लीला कीर्तन प्रस्तुत किया जाएगा. तीसरे दिन शनिवार को सिंहवाहिनी माता मंदिर में महाअष्टमी की पूजा-अर्चना, शाम 7:00 बजे से भक्ति मूलक नाटक एवं रात्रि 9:00 बजे से सुनंदा भट्टाचार्य द्वारा लीला कीर्तन प्रस्तुत किया जाएगा. चौथे दिन रविवार को महानवमी की पूजा-अर्चना तथा संध्या 7:00 बजे से भक्तिमूलक नाटक एवं रात्रि 9:00 बजे से लीला कीर्तन प्रस्तुत किया जाएगा. वहीं पांचवें दिन महादशमी की पूजा-अर्चना के साथ कलश विसर्जन तथा पश्चिम बंगाल के कीर्तनियां शिवानी मुखर्जी द्वारा कुंजविलास गान प्रस्तुति के उपरांत उपस्थित भक्तों के बीच खिचड़ी महाप्रसाद वितरण किया जायेगा. मौके पर प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि के अलावा हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे. मंदिर परिसर में शुरू हुआ मेला का आयोजन : प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाले कुंडहित प्रखंड के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव बासंती पूजनोत्सव के मद्देनजर गुरुवार से मंदिर परिसर में पांच दिवसीय मेला शुरू हो गया. उल्लेखनीय है कि बसंती पूजनोत्सव कुंडहित प्रखंड का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है. क्षेत्र के लोग बड़ी शिद्दत के साथ मनाते हैं. पूजनोत्सव के दौरान कुंडहित के अलावा आसपास के क्षेत्र से हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का समागम होता है. मेला शुरू होने से छोटे-छोटे बच्चे तथा बुजुर्गों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है.
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