जामताड़ा. भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई), भारत सरकार के सौजन्य से प्रगति एजुकेशनल एकेडमी, रांची की ओर से मोबाइल टेलीकॉम उपभोक्ताओं के लिए शहरडाल पंचायत भवन में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन संस्था की मुख्य कार्यकारी अफसर बबीता कश्यप, मुखिया सुखेंद्र टुडू, उपमुखिया माणिक रॉय, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ऋतेश चंद्र, धर्मशिला एवं डॉ विकास चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से किया. बबीता कश्यप ने बताया कि कोई भी टेलीकॉम सेवा प्रदाता उपभोक्ताओं के साथ धोखा नहीं कर सकता. ट्राई के नियमों के तहत उपभोक्ताओं को सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर किसी को साइबर ठगी का शिकार होने का संदेह हो, तो तुरंत उचित शिकायत दर्ज करानी चाहिए. बच्चों को मोबाइल से दूर रखना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि वे गलती से कोई गलत बटन दबाकर साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं. उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें और दूसरों को भी डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक करें. प्रगति एजुकेशनल एकेडमी के प्रोग्राम मैनेजर डॉ. विकास चतुर्वेदी ने उपभोक्ताओं को साइबर ठगी से बचाव के उपाय बताये. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के इस युग में उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही से मेहनत से कमाया पैसा साइबर ठगों के हाथों में जा सकता है. उन्होंने ग्रामीणों को आगाह किया कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के उपयोग में सावधानी बरतें, किसी भी तरह के ऑनलाइन फॉर्म भरते समय या वित्तीय लेन-देन करते समय सतर्क रहें. अनचाहे कॉल से बचने के लिए डीएनडी 2.0 ऐप का उपयोग किया जा सकता है. यदि किसी टेलीफोन कंपनी का नेटवर्क सही से काम नहीं कर रहा हो तो उपभोक्ता मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के जरिए अपनी सिम को दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर सकते हैं. डॉ चतुर्वेदी ने टावर लगाने के नाम पर हो रही ठगी के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कई जालसाज लोग गांवों में टेलीकॉम टावर लगाने का झांसा देकर पैसे ऐंठ रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को सतर्क रहना चाहिए. मौके पर कई लोग मौजूद थे.
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