जामताड़ा : जिला सरना समिति, मांझी परगना सरदार महासभा, मांझी परगना एभेन गांवता एवं सरना धर्म जुवान जुमिद गांवता ने संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा है कि संविधान के 74वें संशोधन अधिनियम 1992 जनवरी 1993 से प्रभावी हुआ. इसके लागू होने के 24 वर्ष बीत जाने के बाद भी भारतीय संविधान अनुच्छेद 243 के तहत मेसा एक्ट लागू नहीं किया गया. इस कारण जामताड़ा नगरपालिका का विस्तार अनुसूचित जिलों में असंवैधानिक है.
झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 में संसद द्वारा मेसा अधिनयम नहीं बनाने के कारण 13 जिलों में नगरपालिका का अस्तित्व समाप्त कर दिया जाये. केंद्र सरकार को तत्काल सूचित किया जाये कि संसद के अगले सत्र में वर्षों से लंबित मेसा अधिनियम को पारित कर मेसा कानून बनाया जाये, ताकि झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में नगर के विकास एवं स्वच्छता के लिए विधिवत पारा नौ ए के तहत परिभाषित नगरपालिका का गठन किया जा सके. कहा जामताड़ा जिला पूर्णत: अनुसूचित क्षेत्र है.
नगरपालिका के परिसीमन का विस्तार अनुसूचित क्षेत्रों में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति पर इसका विस्तार असंवैधानिक है. मौके पर बड़ेलाल मरांडी, दशरथ मुर्मू, दिलीप हेंब्रम, अनिल हांसदा, बलदेव मुर्मू, प्रदीप मरांडी, मंटु मुर्मू, सुंदर हेंब्रम, राजन टुडू, राजकिशोर सोरेन, जगन्नाथ हेंब्रम, सुनील टुडू, शिबू किस्कू सहित अन्य उपस्थित थे.