झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय जहां जिलेभर में चल रहे शैक्षणिक कार्यक्रमों को संचालित किया जाता है. कार्यालय के पदाधिकारी व कर्मचारियों पर सर्व शिक्षा अभियान से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने की महती जवाबदेही है.
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आने का तय नहीं, जब मर्जी चल दिये झारखंड शिक्षा परियोजना दफतर का हाल
झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय जहां जिलेभर में चल रहे शैक्षणिक कार्यक्रमों को संचालित किया जाता है. कार्यालय के पदाधिकारी व कर्मचारियों पर सर्व शिक्षा अभियान से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने की महती जवाबदेही है. इसके लिए सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. इस वर्ष में 100 करोड़ का बजट है. […]
इसके लिए सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. इस वर्ष में 100 करोड़ का बजट है. यहां कर्मचारियों के आने का समय 10 बजे से तय है, लेकिन हालात उलटा है. बुधवार को प्रभात खबर टीम ने कार्यालय का जायजा लिया.
जामताड़ा : बायोमीट्रिक सिस्टम हो या सरकार का अल्टीमेटम. विभागीय पदाधिकारियों को इसका कोई असर नहीं होता. बुधवार को झारखंड शिक्षा परियोजना का कार्यालय समय पर तो खुला, लेकिन न समय पर कोई पदाधिकारी आये न ही कोई कर्मी. सवा दस बजे से कर्मचारियों का आना शुरू हुआ जो 10:40 तक जारी रहा. 11 बजे तक डीएसई नहीं पहुंचे. पता चला कि वे क्षेत्र के दौरे पर निकल गये हैं. पदाधिकारियों व कर्मियों लेटलतीफी से विभागीय कामकाज पर असर पड़ता है.
् अनुसेवक सह आगत निर्गत कक्ष दिन के 10:30 बजे खुला. अनुसेवक द्वारा डीएसइ कक्ष को भी 10:30 बजे खोला गया. लेखा शाखा, लेखापाल आने के बाद 10:35 बजे खोला गया. डीएसइ कक्ष देर से खुले जाने के कारण पूछने पर बताया गया कि साहब क्षेत्र गये हैं. इस कारण आज कार्यालय देर से आयेंगे. वहीं एपीओ कुमारी डॉली का कक्ष 11 बजे तक बंद ही रहा. पूछे जाने पर बताया गया कि वे छुट्टी पर हैं. अधिकारियों व कर्मियों के समय पर कार्याजय नहीं पहुचने पर काम प्रभावित हाे रहे हैं. वहीं शिक्षा विभाग का स्कूली बच्चों का बैंक खाता में आधार जोड़ने का काम भी प्रभािवत हुआ है. तय समय के बाद छह माह बीत जाने पर भी लक्ष्य पूरा नहीं किया गया है. वहीं लोगों को कोई कार्य के लिये बार-बार कार्यलय का चक्कर लगाना पड़ा रहा है.
सप्ताह में दो दिन खुलता है एक कक्ष
बुधवार को 10 बजे से कंप्यूटर कक्ष में एक ऑपरेटर कुछ जरूरी दस्तावेज को निबटा रहे थे, जबकि अन्य ऑपरेटर की कुर्सियां इधर-उधर पड़ीं थीं. वहीं 10:15 बजे एडीपीओ पहुंचे और अपने कक्ष को खोला. सहायक अभियंता कक्ष सप्ताह में एक दो दिन ही खुलता है.
कौन कितने बजे आये
10:00 बजे कंप्यूटर ऑपरेटर अचिंत कुमार साधु पहुंचे
10:15 बजे एडीपीओ अशोक सिन्हा आयें
10:35 बजे लेखापाल अनिल कुमार
10:35 बजे डाटा इंट्री ऑपरेटर दिलीप कुमार गोराई
10:30 बजे अनुसेवक सह आगत निर्गत के कर्मी
10:40 बजे दूसरे कर्मी पहुंचे
10:35 बजे कार्यालय सहायक सौरव कुमार
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