32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

विश्व दूरसंचार दिवस आज, टेलीग्राम का 1844 में हुआ था आविष्कार

डाक विभाग में शुरू हुईं इन दोनों सेवाओं के बाद दूरसंचार को लेकर जमशेदपुरवासी खुद को उस समय सौभाग्यशाली मानने लगे, जब उन्हें 1950 में लैंड लाइन की सेवा मिलनी शुरू हुई.

जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज‍ : हकीकत में दूरसंचार सेवा का लाभ लोगों को टेलीग्राम और मनीऑर्डर से मिलना शुरू हुआ, जो आज सूचना का व्यापक रूप ले चुका है. डाक विभाग में शुरू हुईं इन दोनों सेवाओं के बाद दूरसंचार को लेकर जमशेदपुरवासी खुद को उस समय सौभाग्यशाली मानने लगे, जब उन्हें 1950 में लैंड लाइन की सेवा मिलनी शुरू हुई. दूर बैठे लोगों से बातचीत के साथ दूरसंचार के माध्यम से मौसम परिवर्तन की सूचनाओं ने जीवन रक्षा को और आसान बना दिया. इसके बाद दूरसंचार के क्षेत्र में सतत विकास नित नये आयाम गढ़ रहे हैं, पर इसकी शुरुआती दिनों की यादें आज भी अचंभित कर रही हैं.

टेलीग्राम का 1844 में हुआ था आविष्कार

यद्यपि रोनाल्ड ने तार से खबरें भेजना संभव कर दिखाया, लेकिन आजकल के तारयंत्र के आविष्कार का अधिकांश श्रेय अमेरिकी वैज्ञानिक, सैमुएल एफबी मॉर्स को है, जिन्होंने 1844 में वाशिंगटन और बॉल्टिमोर के बीच तार द्वारा खबरें भेजकर इसका सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया. कहा जाता है कि मॉर्स को टेलीग्राम बनाने का आइडिया एक जहाज में यात्रा करने के दौरान आया था. मॉर्स ने यात्रियों से फैराडे की इलेक्ट्रोमैग्नेट खोज की बात सुनी थी.

भारत में टेलीग्राम की शुरुआत

भारत में तार सेवा सबसे पहले प्रायोगिक तौर पर 1850 में कोलकाता तथा डायमंड हार्बर के बीच शुरू की गयी थी. शुरू में इसका उपयोग ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया. 1854 में सेवा लोगों के लिए उपलब्ध हुई. उन दिनों यह सूचनाएं भेजने का सबसे अहम जरिया था.

अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने दी थी टेलीफोन की सौगात

दूरसंचार की दुनिया में सबसे पहली क्रांति अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के द्वारा टेलीफोन के आविष्कार के बाद आयी. इसके माध्यम से हम काफी दूरी पर भी जानकारी का आदान-प्रदान कर सकते हैं. टेलीफोन, मोबाइल जिससे आप बात करते हैं, दूरसंचार के महत्वपूर्ण अंग हैं. इसके बाद सूचनाओं के इंटरनेट सहित अन्य माध्यम जुड़ते गये.

Also Read: Mission Admission:11वीं में नामांकन को लेकर भाग-दौड़ शुरू, इतने प्रतिशत अंक लाने वालों का होगा डायरेक्ट एडमिशन
2000 में आया मोबाइल हैंडसेट

सूचना की क्रांति का असर जमशेदपुर में 2000 की शुरुआत में दिखने लगा, जब आम जन के पास मोबाइल हैंडसेट आये. इससे जमशेदपुर में जहां सवा दो लाख से अधिक लैंड लाइन कनेक्शन हुआ करते थे, इन दिनों यह संख्या मात्र आठ हजार कनेक्शन पर सिमट गयी है. पुरानी तकनीक यदि बदली तो उसकी जगह नयी तकनीक ने ली. इसका लाभ हर किसी को मिला.

विश्व दूरसंचार दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था

विश्व दूरसंचार दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था. 17 मई, 1865 को अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना के बाद से इस दिन को पूरी दुनिया में हर साल दूरसंचार दिवस मनाया जाता है. दूरसंचार दिवस को साल 2005 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व सूचना समाज दिवस के रूप में घोषित किया. इसके बाद से हर साल 17 मई को विश्व दूरसंचार और सूचना सोसाइटी दिवस (डब्ल्यूटीआइएसडी ) के रूप में मनाया जाने लगा. विश्व

इस बार की थीम

विश्व दूरसंचार दिवस 2023 की थीम है सूचना और संचार प्रौद्योगिकी माध्यम से सबसे कम विकसित देशों को सशक्त बनाना. इस थीम के माध्यम से कंपनियों और लोगों से सार्वभौमिक कनेक्टिविटी और डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने का आग्रह है.

135 साल पुरानी मनीऑर्डर व्यवस्था आइएमओ और इएमओ में बदली

पूर्व पोस्टमास्टर रामानंद ठाकुर ने बताया कि जब वे लोग पोस्टमास्टर थे, तो लोग पैरवी करते थे कि उनका मनीऑर्डर समय पर आ जाये और टेलीग्राम समय पर पहुंच जाये. लेकिन, बाद में समय के साथ यह बदलता गया. करीब 135 साल पुरानी यह परंपरा अब बंद कर दी गयी. लेकिन, यह तार सेवा और मनीऑर्डर काफी लोगों के लिए जान होती थी. अपने घरवालों को पैसे भेजने का जरिया रही मनीऑर्डर सेवा को डाक विभाग ने बंद कर दिया. मनीऑर्डर सेवा के बंद होने का मुख्य कारण शहरों के साथ गांवों में भी मोबाइल बैंकिंग से इंटरनेट बैंकिंग तक का सक्रिय होना है. डाक विभाग ने लोगों को अच्छी व तेज गति से नकद स्थानांतरण सुविधा देने के लिए इंस्टेंट मनी ऑर्डर (आइएमओ) और इलेक्ट्रानिक मनी ऑर्डर (इएमओ) सेवा शुरू की है. करीब 80 साल के सोनारी निवासी रामजनम सिंह ने बताया कि पहले तो सारा पैसा का लेन-देन मनीऑर्डर से ही होता था.

टेलीग्राम बढ़ाता था धड़कनें, मनीऑर्डर से होती थी खुशी सिदगोड़ा निवासी 75 वर्षीय बीडी तिवारी ने बताया कि पहले टेलीग्राम अगर आ जाये, तो धड़कनें तेज हो जाती थीं कि क्या हो गया है. कहीं कोई बुरी खबर तो नहीं है. मनीऑर्डर आने से खुशियां आ जाती थीं. लेकिन, अब तो यह सिस्टम ही बदल गया. अब सेकेंडों में सूचनाएं इधर से उधर आती और जाती हैं.

भारत मौसम विज्ञान विभाग में मौसम विज्ञान दूरसंचार सेवाएं

भारत मौसम विज्ञान विभाग की सूचना प्रणाली और सेवा प्रभाग (आइएसएसडी) मौसम संबंधी आंकड़ों और संसाधित मौसम उत्पादों के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय, वास्तविक समय के निकट के आधार पर 25 घंटे और क्षेत्रीय दूरसंचार हब के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मौसम विज्ञान दूरसंचार में बिंदू-दर-बिंदू और अनेक तत्वों तक आंकड़े प्राप्त करने और इसे चुनिंदा रूप से प्रसारित करने के लिए देश और दुनिया के भीतर (एमपीएलएसवीपीएन) लिंक और मौसम केंद्रों का एक एकीकृत नेटवर्क होता है. आरटीएच नयी दिल्ली सीधे डब्ल्यूएमसी मॉस्को, टोक्यो, काहिरा, बीजिंग, जेद्दा, मेलबर्न, बैंकॉक और तेहरान से जुड़ा हुआ है. एनएमसी कोलंबो, ढाका, कराची, काठमांडू, माले, मस्कट और यंगून जुड़ा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें