Jamshedpur news.
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा पूर्वी सिंहभूम के तत्वावधान में मंगलवार को सीतारामडेरा के सभागार में झारखंड आंदोलनकारियों के न्याय के साथ सम्मान एवं स्वाभिमान की रक्षा के सवाल को लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे. अपने संबोधन में पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड के लोग न्याय के साथ और स्वाभिमान से जीना- मरना पसंद करते हैं. हम कल भी अस्मिता अस्तित्व एवं पहचान के लिए लड़े थे, जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए हूल- उलगुलान किये और हमारे महापुरुष शहीद अमर पुरोधा निर्मल महतो, देवेंद्र मांझी, रतिलाल महतो सहित अनगिनत लोगों ने संघर्ष करते हुए शहादत को प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि सीएनटी, एसपीटी एक्ट, पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में पूंजीवाद का हमले तेज हैं. राजनीतिक दल अपने सामाजिक दायित्वों से भाग रहे हैं. लोकतंत्र के लिए यह खतरा है. पुष्कर महतो ने कहा कि आज भी हम झारखंड आंदोलनकारी राजकीय मान सम्मान, अलग पहचान, पुत्र पुत्री, पोता पोती के रोजी रोजगार नियोजन की 100 प्रतिशत गारंटी के सवाल व सरकार से मांग को लेकर संघर्षरत हैं. हम अपने बाल बच्चों के अधिकारों, अस्तित्व, अस्मिता व पहचान की रक्षा के लिए लड़े थे और लड़ेंगे. ना गांव छोड़ेंगे ना लड़ाई छोड़ेंगे, अपनी माय-माटी, भाषा-संस्कृति का अधिकार लेकर रहेंगे.मोर्चा के केंद्रीय सचिव सुबोध कुमार लकड़ा ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम की धरती क्रांतिकारियों की धरती रही है. इस धरती से आज झारखंड आंदोलनकारी के सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए पुनः एक उलगुलान करने की आवश्यकता है. मोर्चा की संरक्षक नेहा नवनीता ने भी अपनी बात रखी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष शिबू काली मइती ने की. इस अवसर पर पुष्पा बरदेवा, अनंता प्रधान, राजकुमार सिंह, डॉ संजय गिरी, हराधन प्रमाणिक, पूर्णिमा बास्के, रेणू वर्मा, विशु लोहार, छोटू रविदास, नाजिर खान, नबी खान, अष्टमी महतो, शांतनु आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है