Jamshedpur news.
टाटा स्टील यूआइएसएल ने रेबीज की रोकथाम और नियंत्रण के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया. इस पहल के तहत 131 प्रशिक्षित स्वयंसेवकों ने जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों के 77 स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में 80 से अधिक सत्र आयोजित किया. इसमें 23,000 से अधिक छात्रों को इस बीमारी से अवगत कराया गया. अभियान विशेष रूप से बच्चों पर केंद्रित रहा, क्योंकि जानवरों के संपर्क में आने के कारण वे रेबीज के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. इन इंटरैक्टिव सत्रों में छात्रों को बताया गया कि रेबीज कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं और समय पर रोकथाम के उपाय क्यों आवश्यक हैं. स्कूलों के अलावा, टाटा स्टील यूआइएसएल के स्वयंसेवकों ने जमशेदपुर और सरायकेला के कई गांवों में भी जाकर ग्रामीणों और उनके बच्चों को जागरूक किया. इस तरह के प्रयासों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रेबीज की रोकथाम से संबंधित जानकारी समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक भी पहुंचे. कंपनी का यह प्रयास विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस तथ्य पर आधारित है कि कुत्तों के काटने से होने वाली मानव मौतों में से लगभग 99% मामलों के लिए रेबीज ही जिम्मेदार है. इस बीमारी के गंभीर लक्षण जैसे व्यवहार में बदलाव, बुखार और जल-भय (हाइड्रोफोबिया) दिखने के बाद यह लगभग हमेशा घातक होती है. हालांकि, समय पर उठाये गये कदम जैसे घाव की देखभाल, टीकाकरण और जिम्मेदार पालतू पशु स्वामित्व से जीवन बचाया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

