उपविजेता का खिताब आइआइएफटी कोलकाता को
Jamshedpur News :
टाटा स्टील ने अपने प्रमुख वार्षिक बिज़नेस चैलेंज ”स्टील-ए-थॉन” के 12वें संस्करण के विजेताओं की घोषणा की. इसका रोमांचक ग्रैंड फिनाले (फाइनल) कोलकाता में आयोजित किया गया. यह प्रतियोगिता भारत के शीर्ष बी-स्कूलों के लिए बनायी गयी है, जो छात्रों को वास्तविक व्यावसायिक चुनौतियों पर काम करने और टाटा स्टील के नेतृत्व से मार्गदर्शन प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करती है. आइआइएम रोहतक से ‘पाथफाइंडर्स’ टीम ने ग्रोथ ट्रैक में विजेता का खिताब जीता, जबकि आइआइएफटी कोलकाता से ‘द इंफैलिबल्स’ टीम उपविजेता रही. एक्सआइएम भुवनेश्वर की ‘मेटालिका 3’ टीम ने वैल्यू चेन ट्रैक में जीत हासिल की और एक्सआइएम भुवनेश्वर की ही ‘रिफ्रैक्टरीज़’ टीम उपविजेता रही. एमडीआइ गुरुग्राम की ‘द स्टील डील’ टीम पीपल ट्रैक में विजेता बनी, जबकि आइआइएम रांची की ‘मास्टर एट मैनेजमेंट’ टीम उपविजेता बनी. टाटा स्टील के ग्रुप स्ट्रैटेजिक प्रोक्योरमेंट एंड सप्लाई चेन व टीक्यूएम वाइस प्रेसिडेंट पीयूष गुप्ता ने कहा कि स्टील-ए-थॉन हमारे उस संकल्प का प्रतीक है, जिसके तहत हम आने वाली पीढ़ी के बिज़नेस लीडर्स को विकसित करने और छात्र समुदाय में नवाचारपूर्ण सोच को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने आगे कहा कि “प्रतिभाशाली टीमों द्वारा प्रस्तुत समाधानों की गुणवत्ता इस बात को दर्शाती है कि उनकी रणनीतिक सोच और परिचालन उत्कृष्टता ही भविष्य में इस्पात उद्योग को आगे बढ़ायेगी. स्टील-ए-थॉन प्रतियोगिता, जो अब अपने 12वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है, को इस बार जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसमें देशभर के 34 प्रतिष्ठित बी-स्कूलों से 11,400 से अधिक छात्रों ने भाग लिया. इस वर्ष की प्रतियोगिता की थीम थी- ”वन टाटा स्टील के साथ कल के इस्पात को नए सिरे से परिभाषित करना”. प्रतिभागी टीमों के समक्ष तीन अलग-अलग ट्रैक पेश किये गये, जिनमें से प्रत्येक का केंद्र एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक विषय था-ग्रोथ ट्रैक में ”ऑर्केस्ट्रेटिंग ग्रोथ”, वैल्यू चेन ट्रैक में ”नर्चरिंग वैल्यू चेन” और पीपल ट्रैक में ”एम्पावरिंग एम्प्लॉइज”. इन तीनों ट्रैकों में कुल 22 केस स्टडीज़ साझा की गईं. इस संस्करण में टाटा स्टील यूके और टाटा स्टील नीदरलैंड की केस स्टडीज़ भी शामिल थीं, जिससे प्रतिभागियों को कंपनी के वैश्विक नेतृत्व के साथ जुड़ने और उनसे सीखने का अवसर मिला. प्रतियोगिता की शुरुआत 1,500 से अधिक टीमों द्वारा अपने एग्जीक्यूटिव सारांश जमा करने के साथ हुई. सख्त मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद, 180 से अधिक टीमों ने प्री-फिनाले राउंड के लिए क्वालिफाई किया और अंततः 18 टीमों ने फिनाले में अपनी जगह बनायी. फाइनलिस्ट टीमों ने अपने इनोवेटिव बिज़नेस केस समाधानों को टाटा स्टील के वरिष्ठ नेतृत्व से गठित प्रतिष्ठित जूरी के समक्ष प्रस्तुत किया. जूरी में टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट टीक्यूएम ग्रुप स्ट्रैटेजिक प्रोक्योरमेंट एंड सप्लाई चेन पीयूष गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट मार्केटिंग और सेल्स (फ्लैट प्रोडक्ट्स) प्रभात कुमार और सीएचआरओ इंडिया मैनुफैक्चरिंग ज़ुबिन पालिया शामिल थे.प्रत्येक ट्रैक की विजेता टीमों को 2,50,000 रुपये की नकद राशि प्रदान की गयी, जबकि उपविजेताओं को 1,50,000 रुपये की नकद पुरस्कार राशि दी गयी. विजेता और उपविजेता दोनों टीमों को प्री-प्लेसमेंट ऑफ़र प्रदान किये गये, वहीं सभी नेशनल फाइनलिस्ट्स को प्री-प्लेसमेंट इंटरव्यू के अवसर दिये गये, जिससे उन्हें टाटा स्टील के साथ संभावित करियर अवसरों के द्वार खुल गये.
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