Rare Flower: जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह-दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी अक्सर विकास कार्यों की वजह से पर्यावरणीय दबाव झेलता रहा है. बावजूद इसके यहां की आबोहवा में प्रकृति की कई सकारात्मक झलकें अब भी जीवंत हैं. इसका प्रमाण हाल ही में मिला, जब दलमा की हरियाली में ग्लोरिओसा सुपरबा नामक दुर्लभ पुष्प खिला दिखाई दिया. कैंसर से लेकर एड्स तक के इलाज में यह दुर्लभ फूल रामबाण है.
फ्लेम लिली के नाम से भी जाना जाता है यह फूल
ग्लोरिओसा सुपरबा नामक इस फूल को आमतौर पर फ्लेम लिली, कलिहारी और अग्निसीखा के नाम से भी जाना जाता है. इसकी पंखुड़ियां अग्नि जैसी प्रतीत होती हैं, इसलिए इसे फ्लेम लिली कहा जाता है. यह पुष्प न सिर्फ जिम्बाब्वे का राष्ट्रीय फूल है, बल्कि तमिलनाडु का राजकीय पुष्प भी है. श्रीलंका में इसे एलटीटीइ का जातीय प्रतीक पुष्प घोषित किया गया था.
औषधीय और ऐतिहासिक महत्व
ग्लोरिओसा सुपरबा का महत्व केवल सौंदर्य तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका औषधीय उपयोग भी बेहद खास है. इसका इस्तेमाल कैंसर, सर्पदंश और एड्स जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में होता रहा है. वहीं, इतिहास इस फूल के एक अंधेरे पहलू को भी दर्ज करता है, श्रीलंका में एलटीटीइ के उग्रवादी अपने संघर्ष के दौरान पकड़े जाने से बचने के लिए इसकी बेल और जड़ों का उपयोग आत्महत्या करने में करते थे. इस वजह से यह पुष्प चरम प्रतिरोध और बलिदान का प्रतीक भी माना गया.
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दलमा की जलवायु बनी अनुकूल
यह विलुप्तप्राय प्रजाति पहले ओडिशा में भी पाई जाती थी, लेकिन अब वहां से समाप्त हो चुकी है. इसकी अच्छी वृद्धि के लिए बलुई दोमट या लाल दोमट मिट्टी और बेहतर जल निकासी आवश्यक होती है, जिसका पीएच स्तर 5.5 से 7.0 के बीच होना चाहिए. दलमा में जल निकासी की व्यवस्था संतोषजनक होने से यह फूल यहां फल-फूल रहा है. शोधकर्ताओं के लिए यह बेहद उत्साहजनक संकेत है कि यहां की परिस्थितियां अब भी ऐसी प्रजातियों के अनुकूल हैं.
शोधकर्ता ने कहा- यह पर्यावरण के लिए बेहतर
दलमा में वन्य जीव और वनस्पति का अध्ययन कर रहे शोधकर्ता राजा घोष ने बताया कि इस फूल का पाया जाना दलमा के पर्यावरण की बेहतर स्थिति का द्योतक है. राजा घोष के अनुसार, फिलहाल दलमा के माकुलाकोचा से लेकर लगभग चार अलग-अलग स्थानों पर यह फूल देखा गया है. शोधकर्ता का मानना है कि अगर संरक्षण के प्रयास किए जाएं, तो यह दुर्लभ पुष्प न सिर्फ दलमा की शान बढ़ा सकता है, बल्कि झारखंड की वनस्पति को भी एक नई पहचान दे सकता है.
फैक्ट फाइल
हिंदी नाम : कलिहारी/अग्निसीखा
अंग्रेजी नाम : फ्लेम लिली
वैज्ञानिक नाम : ग्लोरिओसा सुपरबा
स्वरूप : बेलनुमा पौधा, पंखुड़ियां अग्नि जैसी आकृति वाली
स्थिति : विलुप्तप्राय प्रजाति
इतिहास : श्रीलंका में एलटीटीइ ने इसे जातीय पुष्प घोषित किया था
औषधीय महत्व : कैंसर, सर्पदंश, एड्स आदि बीमारियों के इलाज में उपयोग
मिट्टी की जरूरत : बलुई दोमट / लाल दोमट, पीएच 5.5 से 7.0
झारखंड में स्थिति : दलमा की पहाड़ियों पर माकुलाकोचा के चार जगहों पर पाई जा रही अच्छी संख्या
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