16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड में खिला यह दुर्लभ फूल, कैंसर से लेकर एड्स तक के इलाज में है रामबाण

Rare Flower: जमशेदपुर के दलमा में ‘ग्लोरिओसा सुपरबा’ नामक फूल खिला है. यह कैंसर से लेकर एड्स तक के इलाज में रामबाण है. दलमा में वन्य जीव और वनस्पति का अध्ययन कर रहे शोधकर्ता राजा घोष ने बताया कि इस फूल का पाया जाना दलमा के पर्यावरण की बेहतर स्थिति का द्योतक है. चार अलग-अलग स्थानों पर यह फूल देखा गया है. अगर संरक्षण के प्रयास किए जाएं, तो यह दुर्लभ पुष्प न सिर्फ दलमा की शान बढ़ा सकता है, बल्कि झारखंड की वनस्पति को भी एक नई पहचान दे सकता है.

Rare Flower: जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह-दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी अक्सर विकास कार्यों की वजह से पर्यावरणीय दबाव झेलता रहा है. बावजूद इसके यहां की आबोहवा में प्रकृति की कई सकारात्मक झलकें अब भी जीवंत हैं. इसका प्रमाण हाल ही में मिला, जब दलमा की हरियाली में ग्लोरिओसा सुपरबा नामक दुर्लभ पुष्प खिला दिखाई दिया. कैंसर से लेकर एड्स तक के इलाज में यह दुर्लभ फूल रामबाण है.

फ्लेम लिली के नाम से भी जाना जाता है यह फूल


ग्लोरिओसा सुपरबा नामक इस फूल को आमतौर पर फ्लेम लिली, कलिहारी और अग्निसीखा के नाम से भी जाना जाता है. इसकी पंखुड़ियां अग्नि जैसी प्रतीत होती हैं, इसलिए इसे फ्लेम लिली कहा जाता है. यह पुष्प न सिर्फ जिम्बाब्वे का राष्ट्रीय फूल है, बल्कि तमिलनाडु का राजकीय पुष्प भी है. श्रीलंका में इसे एलटीटीइ का जातीय प्रतीक पुष्प घोषित किया गया था.

औषधीय और ऐतिहासिक महत्व


ग्लोरिओसा सुपरबा का महत्व केवल सौंदर्य तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका औषधीय उपयोग भी बेहद खास है. इसका इस्तेमाल कैंसर, सर्पदंश और एड्स जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में होता रहा है. वहीं, इतिहास इस फूल के एक अंधेरे पहलू को भी दर्ज करता है, श्रीलंका में एलटीटीइ के उग्रवादी अपने संघर्ष के दौरान पकड़े जाने से बचने के लिए इसकी बेल और जड़ों का उपयोग आत्महत्या करने में करते थे. इस वजह से यह पुष्प चरम प्रतिरोध और बलिदान का प्रतीक भी माना गया.

ये भी पढ़ें: धनबाद में फिर धंसी 8 लेन सड़क, बड़ा गोफ बनने से दहशत, तीन दिनों तक बंद रहेगा मुख्य मार्ग

दलमा की जलवायु बनी अनुकूल


यह विलुप्तप्राय प्रजाति पहले ओडिशा में भी पाई जाती थी, लेकिन अब वहां से समाप्त हो चुकी है. इसकी अच्छी वृद्धि के लिए बलुई दोमट या लाल दोमट मिट्टी और बेहतर जल निकासी आवश्यक होती है, जिसका पीएच स्तर 5.5 से 7.0 के बीच होना चाहिए. दलमा में जल निकासी की व्यवस्था संतोषजनक होने से यह फूल यहां फल-फूल रहा है. शोधकर्ताओं के लिए यह बेहद उत्साहजनक संकेत है कि यहां की परिस्थितियां अब भी ऐसी प्रजातियों के अनुकूल हैं.

शोधकर्ता ने कहा- यह पर्यावरण के लिए बेहतर


दलमा में वन्य जीव और वनस्पति का अध्ययन कर रहे शोधकर्ता राजा घोष ने बताया कि इस फूल का पाया जाना दलमा के पर्यावरण की बेहतर स्थिति का द्योतक है. राजा घोष के अनुसार, फिलहाल दलमा के माकुलाकोचा से लेकर लगभग चार अलग-अलग स्थानों पर यह फूल देखा गया है. शोधकर्ता का मानना है कि अगर संरक्षण के प्रयास किए जाएं, तो यह दुर्लभ पुष्प न सिर्फ दलमा की शान बढ़ा सकता है, बल्कि झारखंड की वनस्पति को भी एक नई पहचान दे सकता है.

फैक्ट फाइल


हिंदी नाम : कलिहारी/अग्निसीखा
अंग्रेजी नाम : फ्लेम लिली
वैज्ञानिक नाम : ग्लोरिओसा सुपरबा
स्वरूप : बेलनुमा पौधा, पंखुड़ियां अग्नि जैसी आकृति वाली
स्थिति : विलुप्तप्राय प्रजाति
इतिहास : श्रीलंका में एलटीटीइ ने इसे जातीय पुष्प घोषित किया था
औषधीय महत्व : कैंसर, सर्पदंश, एड्स आदि बीमारियों के इलाज में उपयोग
मिट्टी की जरूरत : बलुई दोमट / लाल दोमट, पीएच 5.5 से 7.0
झारखंड में स्थिति : दलमा की पहाड़ियों पर माकुलाकोचा के चार जगहों पर पाई जा रही अच्छी संख्या

ये भी पढ़ें: Hazaribagh Encounter: डीजीपी ने बढ़ाया जवानों का हौसला, 9 महीने में 29 नक्सली ढेर, मुठभेड़ में कैसे मारे गए माओवादी?

Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel