जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज: बिहार में बाहुबल की राजनीति के कभी पर्याय रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जमशेदपुर में जातिगत राजनीति पर जमकर हमला बोला. जानकारी के अनुसार, आनंद मोहन 21 साल बाद रविवार को श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए जमशेदपुर पहुंचे. पूर्व सांसद अपने पुराने साथी राजेश झा के पिता के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिये जमशेदपुर (Jamshedpur) के ईस्ट प्लांट बस्ती आये थे. उन्होंने हरियाणा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि अब सिर्फ जाति के आधार पर सरकार बनाना संभव नहीं है.
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जातिगत जनगणना के आंकड़ों पर उठाए सवाल
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़ों पर भी सवाल उठाए और कहा कि बिहार की जनता अब जाति से ऊपर उठकर वोट करती है. पूर्व सांसद आनंद मोहन ने दावा किया कि जातिगत जनगणना की मांग करनेवाले यह सुन ले कि देश भर में सर्वाधिक संख्या राजपूत और ब्राह्मणों की ही होगी. वे खुद लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि जाति जनगणना हो, लेकिन बिहार में नहीं पूरे देश भर में हो. इसकी मांग करनेवालों की संख्या बिहार से निकल कर दूसरे प्रदेश तक जाते ही सिमट जायेगी. उसके बाद ये फिर नया कोई शिगूफा तैयार करेंगे. अंग्रेजों के समय से यह सिलसिला चला आ रहा है, जिसके आधार पर आज भी आरक्षण-व्यवस्था जारी है, तो भला इसे कोई कैसे बदल देगा. उन्होंने कहा कि बिहार में यादवों की आबादी को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है, जबकि कुशवाहा समाज जो संख्या में ज्यादा हैं, उनकी आबादी को कम करके दिखाया गया है.
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बता दें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि पिछली जनगणना के मुताबिक, जातिगत जनगणना में राजपूतों की संख्या 8-10 प्रतिशत थी. लेकिन नई जातीगत जनगणना में राजपूत केवल 3-4 प्रतिशत दिखाये गये. ऐसे में पूर्व सांसद का सवाल है कि आखिर किस कारण से राजपूत जाति कि संख्या घट गई. उन्होंने कहा कि आज हमारी आबादी काफी बड़ी है और हम अपनी जाति और आबादी के हिसाब से सांसद चुनते हैं.
हरियाणा चुनाव का दिया उदाहरण
आनंद मोहन ने कहा कि अब वह समय गया जब सिर्फ जातिगत समीकरणों के आधार पर चुनाव जीते जा सकते थे. उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कांग्रेस ने जाट कार्ड खेला था और घोषणा की थी कि उनकी मुख्यमंत्री जाट समुदाय से होगी. लेकिन भाजपा ने किसी भी जाति का कार्ड नहीं खेला और सभी छोटी-छोटी जातियों को एकजुट कर कांग्रेस को हरा दिया. बिहार के चुनाव में यही होगा, महागठबंधन के लोग जो कह रहे हैं कि तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री होंगे, तो उन्हें भी मालूम चल जायेगा.
बिहार की जनता हो गयी है समझदार – आनंद मोहन
आनंद मोहन ने कहा कि बिहार की जनता अब समझदार हो गयी है. ये जाति से ऊपर उठकर वोट करती है. बिहार में चार सीटों पर उप चुनाव हुए थे. महागठबंधन ने नारा दिया था कि उप चुनाव सेमीफाइनल हैं, जो जीतेगा वह 2025 का फाइनल जीत कर सत्ता हासिल करेगा. तीन सीटें महागठबंधन के सांसद चुने जाने के बाद छोड़ी गयी थी, जबकि एक सीट एनडीए गठबंधन की थी. उप चुनाव के परिणाम ने बता दिया कि 2025 में बिहार में क्या परिणाम आयेगा.
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झारखंड में बढ़ायेंगे सक्रियता
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने आगे कहा कि बिहार चुनाव के बाद झारखंड में भी वे पहले की तरह अपनी सक्रियता बढ़ायेंगे. उन्होंने झारखंड में रहनेवाले अपने पुराने साथियों से छह माह यानी बिहार चुनाव तक अपनी गतिविधियां शांत रखने को कहा है. इसके बाद नये साल 2026 में फिर से पूरी ताकत के साथ झारखंड सरकार का पुरजोर विरोध करेंगे, जो जन सरोकर के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं दिखा रही है.
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