जमशेदपुर, दशमथ सोरेन: अंतराष्ट्रीय महिला मुक्केबाज लक्ष्मी पोड़ेया न सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, बल्कि समाज के प्रेरणास्रोत भी हैं. करीब 21 वर्षों से मुककेबाजी से जुड़ी लक्ष्मी ने राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और पदक जीतकर झारखंड और देश का नाम रोशन किया. खेल में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण उन्हें झारखंड पुलिस में सेवा का अवसर मिला.
85 बच्चों को मुक्केबाजी में ट्रेनिंग दे रही लक्ष्मी
वर्तमान में वह साकची महिला थाना में कार्यरत है. लेकिन, लक्ष्मी केवल अपने करियर तक ही सीमित नहीं रही. पुलिस की ड्यूटी के बावजूद उन्होंने अपने खेल के जुनून को बरकरार रखा और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझा. वह कदमा स्थित मंगल सिंह अखाडा में करीब 85 बच्चों को मुक्केबाजी की ट्रेनिंग दे रही हैं, ताकि नये खिलाड़ियों को तराशकर उनका भविष्य बनाया जा सके. उनके इस समर्पण से साबित होता है कि अगर कुछ कर गुजरने की इच्छा हो, तो समय की कमी कभी आड़े नहीं आता.
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पिता ने भी लक्ष्मी को आगे बढ़ने के लिए किया प्रेरित
लक्ष्मी का पैतृक गांव पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा क्षेत्र का बेचोम गांव है. उनके पिता बांदू पाड़ेया ने उन्हें आगे बढने के लिए हमेशा प्रेरित किया. लक्ष्मी न सिर्फ एक खिलाड़ी और पुलिसकर्मी हैं, बल्कि समाज के लिए रोल मॉडल भी हैं. उनकी मेहनत, लगन और समाज के लिए समर्पण बताता है कि सच्ची सफलता केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी कुछ करने में हैं. उनके संघर्ष की कहानी बताती है कि यदि हमारे भीतर जुनून और समर्पण है तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं.