आंखों में लोहे के बाबरी या अन्य फॉरेन बॉडी जाने की समस्या लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीज
Jamshedpur News :
साकची स्थित एक होटल में जमशेदपुर ऑप्थल्मोलॉजिकल सोसाइटी द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में उपस्थित नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार गुप्ता ने कहा कि जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउन होने के कारण आंखों में लोहे की बाबरी या अन्य फॉरेन बॉडी चली जाती है. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ जाती है.उन्होंने कहा कि ओपीडी में इलाज कराने आने वाले मरीजों में चार से पांच ऐसे मरीज प्रतिदिन आते हैं, जिनकी आंखों में लोहे की बाबरी या अन्य फॉरेन बॉडी मिलते हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर मरीज फॉरेन बॉडी निकलने के अगले दिन ही ठीक हो जाते हैं. वहीं कुछ मरीजों को टाइम लग जाता है. इससे बचने के लिए लोगों को प्रोटेक्टिव चश्मा पहन कर ही वेल्डिंग इत्यादि कार्य करना चाहिए. अगर कोई फॉरेन बॉडी आंखों में जाता है तो तुरंत आंखों के डॉक्टर के पास जाकर दिखाना चाहिए.
वहीं डॉ आनंद सुश्रुत ने बताया कि लगातार मोबाइल एवं कंप्यूटर के उपयोग से आंखें ड्राई हो जाती है. इससे बचने के लिए लाइफ स्टाइल पर ध्यान देने की जरूरत है. डॉ प्रदीप्ता कुंडू ने ड्राई आई के उपचार के बारे में बताया. इस दौरान डॉ विभूति भूषण, डॉ आशा रानी प्रसाद, डॉ नीतेश सिंह, डॉ रेणु पांडे, डॉ अमिता कुंडू एवं अन्य लोग उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

