मेसर्स स्काईस्क्रेपर सॉल्यूशन 2,43,700 व कोर सिक्योरिटी ने किया एक लाख का भुगतान
Jamshedpur News :
बकाया मजदूरी के भुगतान में देरी पर उप श्रमायुक्त न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है. कोल्हान प्रमंडल जमशेदपुर में उप श्रमायुक्त सह प्राधिकार (मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936) के अंतर्गत सुनवाई करते हुए अरविंद कुमार ने दो अलग-अलग मामलों में कुल 3,43,700 के भुगतान का आदेश दिया. दो अलग-अलग फैसलों में सरिता कुमारी और दिलीप मिश्रा को कुल 3,43,700 बकाया मजदूरी के भुगतान का आदेश दिया गया. जिसमें दिलीप मिश्रा को 1 लाख का भुगतान तत्काल मिल भी गया. पहला मामला कर्मचारी सरिता कुमारी का था. जिन्होंने मेसर्स स्काईस्क्रेपर सॉल्यूशन (जमशेदपुर) के खिलाफ वाद दायर किया था. न्यायालय ने इस मामले में 2,43,700 के भुगतान का आदेश पारित किया. दूसरे मामले में वादी कर्मचारी दिलीप मिश्रा ने (झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन के महासचिव एसके घोषाल के माध्यम से) प्रबंध निदेशक मेसर्स कोर सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एचडीएफसी बैंक के चेयरमैन के खिलाफ वाद दर्ज कराया था. उप श्रमायुक्त अरविंद कुमार ने इस मामले में एक लाख के भुगतान का आदेश दिया था. जिसका भुगतान प्रबंधन द्वारा कर दिया गया. कोल्हान प्रमंडल के उप श्रमायुक्त अरविंद कुमार ने बकाया मजदूरी भुगतान अधिनियम के तहत दो मामलों में त्वरित फैसला सुनाकर कामगारों के लिए महत्वपूर्ण संदेश दिया है.बकाया मजदूरी न मिलने पर उप-श्रमायुक्त कोर्ट में दर्ज करायें वाद
अगर किसी कामगार को उनके देय मजदूरी का भुगतान नहीं मिल पाता है. तो वे तुरंत उप-श्रमायुक्त न्यायालय में अपना वाद (केस) दर्ज करा सकते हैं. न्यायालय ऐसे सभी कामगारों के लिए खुला है. जिन्हें उनके देय मजदूरी का भुगतान नहीं मिल पाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

