मांग नहीं मानी गयी, तो 5 व 6 फरवरी 2026 को आंदोलन की दी चेतावनी
Jamshedpur News :
आदिवासी कुड़मी समाज की केंद्रीय कमेटी का दो दिवसीय महाधिवेशन रविवार को रांची के बरियातू रोड स्थित रीता श्री वेंकट हॉल में संपन्न हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत कुड़माली सांस्कृतिक प्रस्तुति से हुई. इसकी अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर महतो ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में संयोजक अजीत प्रसाद महतो मौजूद थे. अजीत प्रसाद महतो ने कहा कि हम केंद्र सरकार से कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने, कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने व आदिवासी धर्म कोड संवैधानिक मान्यता देने की मांग करते हैं. सरकार हमारी मांगों को अविलंब पूरा करे, अन्यथा 5 व 6 फरवरी 2026 को झारखंड, बंगाल व ओडिशा के कुड़मी समाज के लोग निर्णायक आंदोलन करने को बाध्य होंगे. महाधिवेशन में कई बिदुओं पर चर्चा हुई और कई प्रस्ताव पारित किये गये.केंद्रीय कमेटी का किया पुनर्गठन
इस कार्यक्रम में केंद्रीय कमेटी को भंग कर पुनर्गठन किया गया. इसमें अध्यक्ष- शशांक शेखर महतो, उपाध्यक्ष-अमिय रंजन महतो (पश्चिम बंगाल), दलगोविंद मोहंता (ओडिशा), छोटेलाल मुतरुआर (झारखंड), महासचिव-जोगेश्वर नागवंशी, सहसचिव -संजय महतो (पश्चिम बंगाल), जयराम महतो (झारखंड), विद्याधर मोहंता, मनोज मोहंता (ओडिशा), केंद्रीय प्रवक्ता- सुनील कुमार गुलिआर, साधन महतो, कोषाध्यक्ष- रासबिहारी महतो, भाषा संस्कृति संरक्षक-संतोष कटिआर, दीपक पुनरिआर, महादेव डूंगरिआर, केंद्रीय महिला कार्यकारी सदस्य-डॉ. कनिका महतो (केंद्रीय संयोजक), लक्ष्मी महतो (सह संयोजक), काकोली महतो (सह संयोजक), कानूनी सलाहकार- सुनील महतो (रांची), नीलम महतो (पश्चिम बंगाल), नरेंद्र मोहंता (ओडिशा), कुड़मी बुद्धिजीवी मंच पद्मलोचन महतो (झारखंड), युधिष्ठिर (पश्चिम बंगाल), सुरेश चंद्र व ससधर काड़ुआर (ओडिशा) को जिम्मेदारी दी गयी. तीनों राज्यों के प्रदेश कमेटी को भंग कर दिया गया. इसका पुनर्गठन झारखंड में 6 व 7 दिसंबर को, ओडिशा में 28 दिसंबर और पश्चिम बंगाल में 4 जनवरी 2026 को प्रदेश सम्मेलन में किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

