तीन माह में 15 हजार कुत्तों के बंध्याकरण का लक्ष्य
Jamshedpur News :
सुप्रीम कोर्ट के सख्ती के बाद अब शहर में आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद जगी है. अदालत ने अस्पतालों, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों से आवारा कुत्तों को तत्काल पकड़ने के आदेश दिये हैं. कोर्ट की इस चेतावनी के बाद जिम्मेदार विभागों की नींद खुली है, हालांकि अब तक ठोस कदम नहीं उठाये गये थे. आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. आये दिन लोगों के काटे जाने की घटनाएं सामने आ रही है. इस पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एनीमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है. सोमवार को डीडीसी नागेंद्र पासवान की अध्यक्षता में हुई एनिमल बर्थ कंट्रोल कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा हुई. इसमें तय किया गया है कि एबीसी सेंटर बारीडीह में (टाटा स्टील यूआइएसएल का पहले से संचालित) और गोलपहाड़ी में पशुपालन विभाग के सेंटर में यह केंद्र संचालित किया जायेगा.एबीसी सेंटर बनने के बाद आवारा कुत्तों को पकड़कर उनका बंध्याकरण, टीकाकरण, देखभाल और भोजन की व्यवस्था की जायेगी. फिलहाल जिले में इस कार्य के लिए न तो संसाधन उपलब्ध है और न ही प्रशिक्षित टीम. ऐसे में नागरिकों को अभी स्वयं सतर्क रहना होगा. टाटा स्टील यूआइएसएल के साथ मिलकर जिले में इसका काम तेज होगा. जल्द ही पालतू कुत्तों के पंजीकरण और नियमावली तैयार करने की दिशा में भी कदम उठाये जायेंगे. जिले में करीब 15 हजार आवारा और 6 हजार पालतू कुत्ते हैं. सभी आवारा कुत्तों का बंध्याकरण तीन माह में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.अधिकारियों का कहना है कि एबीसी सेंटर के बन जाने से आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण पाया जा सकेगा और शहरवासियों को राहत मिलेगी. नगर निकायों और टाटा कमांड एरिया में घूम रहे आवारा कुत्तों के पकड़ने से लेकर उनको आश्रय स्थल बनाने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया. इसको लेकर बैठकें की गयी है. इसमें तय किया गया है कि बर्थ कंट्रोल पर ही फोकस होगा. तीन माह में इसकी व्यवस्था करने का लक्ष्य तय किया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

