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महिलाओं में इंफेक्शन का ज्यादा खतरा

बिष्टुपुर. यूरिन के इंफेक्शन विषयक सेमिनार में बोले डॉ संजय जौहरी महिलाओं का मासिक बंद होने से यूरिन की नली सिकुड़ने लगती है इसके यूरिन में इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है डॉक्टरी सलाह लेकर ही दवाओं का सेवन जरूरी जमशेदपुर : पुरुषों की तुलना महिलाओं की यूरिन में 30 प्रतिशत ज्यादा इंफेक्शन की […]

बिष्टुपुर. यूरिन के इंफेक्शन विषयक सेमिनार में बोले डॉ संजय जौहरी

महिलाओं का मासिक बंद होने से यूरिन की नली सिकुड़ने लगती है इसके यूरिन में इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है
डॉक्टरी सलाह लेकर ही दवाओं का सेवन जरूरी
जमशेदपुर : पुरुषों की तुलना महिलाओं की यूरिन में 30 प्रतिशत ज्यादा इंफेक्शन की आशंका रहती है. इसका 85 प्रतिशत कारण ई-कोलाई बैक्टीरिया है. उक्त बातें रविवार को बिष्टुपुर स्थित एक होटल में ऑब्सटेटि्क्स व गायनिक सोसायटी द्वारा महिलाओं की यूरिन में होने वाले इंफेक्शन के विषय पर आयोजित सेमिनार में उपस्थित सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ संजय जौहरी ने कहीं. उन्होंने कहा कि 50 से 60 साल के उम्र में यूरिन की थैली में अवरोध (रुकावट) होने के कारण प्रोस्टेट ग्लैंड बड़ा हो जाता है. वहीं महिलाओं का इस उम्र तक मासिक बंद होने लगाता है जिससे यूरिन की नली सिकुड़ने लगती है. इसके कारण भी यूरिन में इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है. उन्होंने बताया कि महिलाओं में इस बीमारी के होने के कई कारण हैं.
इस बीमारी के होने से यूरिन में जलन, बार बार यूरिन का होना, यूरिन में खून आना, नाभी के नीचे दर्द रहना सामान्य लक्षण हैं. यदि इंफेक्शन किडनी तक पहुंच जाये तो कंपकपी के साथ बुखार आने के साथ पीठ दर्द भी हो सकता है. वहीं कई बार मरीज बिना डॉक्टरी सलाह के ही दवाई ले लेते हैं. ऐसा न करें, डॉक्टरी सलाह लेकर ही दवाई का सेवन करें. इस दौरान मुख्य रूप से डॉ रंजना जोशी, डॉ एसबी बासु, डॉ कविराज, डॉ एस सेन, डॉ इंदू चौहान सहित शहर के कई जाने माने गायनोकॉलोजिस्ट मौजूद थे.
ई कोलाई बैक्टिरिया है कारण
डॉ संजय ने बताया कि भारत में इस बीमारी के होने का मुख्य कारण ई कोलाई नाम का बैक्टिरिया है. यह बैक्टिरिया आंतों में पाया जाता है. भारत में 24 साल तक की उम्र तक यूरिन में इंफेक्शन होने का रिस्क 30 फीसदी रहता है. वहीं हर उम्र की कुल महिलाओं में 50 फीसदी महिलाओं को यूरिन में इंफेक्शन का रिस्क रहता है. गर्भवती महिलाओं में इस बीमारी के होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. इस बीमारी के होने से मरीजों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. बल्कि सही डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराने की जरूरत है.

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